Cabinet Decisions: आगामी बजट से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें गन्ने से बनने वाले इथेनॉल की कीमत में बढ़ोतरी और देश में खनिज आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन की मंजूरी शामिल है। इन फैसलों से किसानों को लाभ मिलने के साथ-साथ देश की ऊर्जा और खनिज सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
Table of Contents
इथेनॉल की कीमत में 3 प्रतिशत वृद्धि
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने इथेनॉल की कीमत 3 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। अब सरकारी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) इथेनॉल को 57.97 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदेंगी, जो फिलहाल 56.58 रुपये प्रति लीटर थी। यह वृद्धि किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने और इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है।
बजट से पहले किसानों के लिए आई खुशखबरी
सरकार के इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 को 1 नवंबर, 2024 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2025 तक कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल में 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाने की अनुमति दी है। इसका उद्देश्य देश में वैकल्पिक और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह नीति कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और कच्चे तेल के आयात को कम करने में सहायक होगी।
पिछले दस वर्षों में (31 दिसंबर, 2024 तक), सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण के चलते लगभग 1,13,007 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और करीब 193 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन किया गया है।
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मिली मंजूरी
इसके अलावा, कैबिनेट ने 16,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत सरकारी कंपनियों द्वारा लगभग 18,000 करोड़ रुपये का निवेश किए जाने की उम्मीद है। इस मिशन का उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) के आयात पर निर्भरता कम करना और खनिज आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।
इथेनॉल की कीमतों में होगा इजाफा
मिशन के तहत खनिज मूल्य श्रृंखला के सभी चरण शामिल होंगे, जिनमें खनिजों की खोज, खनन, लाभकारीकरण, प्रसंस्करण और अंतिम उत्पादों से पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया शामिल है। सरकार का लक्ष्य देश में और ऑफशोर क्षेत्रों में आवश्यक खनिजों की खोज को तेज करना है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मिशन के तहत महत्वपूर्ण खनिज खनन परियोजनाओं के लिए एक फास्ट-ट्रैक विनियामक अनुमोदन प्रक्रिया विकसित की जाएगी। साथ ही, आवश्यक खनिजों की खोज को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। इस मिशन के माध्यम से ओवरबर्डन और टेलिंग से खनिजों की रिकवरी को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
मिशन से भारत को क्या लाभ होगा?
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन से भारत की खनिज आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, जिससे महत्वपूर्ण औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों को पर्याप्त संसाधन मिल सकेंगे। भारत में वर्तमान में कई महत्वपूर्ण खनिजों की कमी है, जिसके कारण हमें इनका आयात करना पड़ता है। इस मिशन के लागू होने से न केवल देश की खनिज सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि विभिन्न उद्योगों को भी आवश्यक संसाधन स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस मिशन से भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी, क्योंकि खनिजों की खोज और खनन के क्षेत्र में निवेश बढ़ने से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके अलावा, यह मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा नीति के तहत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
सरकार के फैसले और आगे की योजना
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की नीति को मजबूती देने की दिशा में उठाए गए हैं। इथेनॉल की कीमत बढ़ाने से जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं इथेनॉल मिश्रण से पर्यावरण संरक्षण और विदेशी मुद्रा बचत में भी मदद मिलेगी। दूसरी ओर, नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के जरिए देश की खनिज नीति को नया स्वरूप दिया जाएगा, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत खनिज उत्पादक देश बन सकेगा।
यह भी पढ़ें:- Mallikarjun Kharge: महाकुंभ को लेकर विवादित बयान देकर फंसे मल्लिकार्जुन खड़गे, बिहार में परिवाद दायर