CAA : लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर दिया है। CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा कि नागरिकता के लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे। वहीं बीजेपी ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि हमने जो कहा वो किया। सीएए बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है।
तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
दिसंबर 2019 में संसद ने इसको मंजूरी दी थी। इसके चार साल बाद अब इसको लागू किया गया है। सीएए नियम जारी किए जाने के बाद अब 31 दिसंबर 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करना आसान बनाता है।
ऑनलाइन होगी आवेदन प्रक्रिया
गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन मोड होगी, जिसके जरिए अप्लाई किया जाएगा। इसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। वगैर दस्तावेज के इन लोगों को नागरिकता दी जा सकती है। तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता
अमित शाह ने फरवरी में दिल्ली में ईटी नाउ-ग्लोबल बिजनेस शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि सीएए देश का एक अधिनियम है… इसे चुनाव से पहले अधिसूचित किया जाएगा। इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेषकर हमारे मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है। सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता क्योंकि अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। सीएए बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए एक अधिनियम है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
सीएए लागू होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय सफेद झूठ है।