Bengaluru Stampede: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए भगदड़ कांड ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत और 33 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद राज्य सरकार ने त्वरित और सख्त कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी. दयानंद समेत पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हादसे को प्रशासनिक विफलता करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
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Bengaluru Stampede: सीमांत कुमार सिंह बने नए पुलिस आयुक्त
राज्य सरकार ने देर रात आदेश जारी कर बेंगलुरु के नए पुलिस आयुक्त के रूप में सीमांत कुमार सिंह की नियुक्ति की घोषणा की। यह निर्णय सरकार की गंभीरता को दर्शाता है कि इस घटना को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी।
Bengaluru Stampede: जिन अधिकारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबित अधिकारियों में निम्नलिखित नाम शामिल हैं:
- बी. दयानंद : पुलिस आयुक्त, बेंगलुरु
- एच.टी. शेखर : डीसीपी, सेंट्रल क्षेत्र
- बालकृष्ण : एसीपी, संबंधित क्षेत्र
- गिरीश ए.के. : निरीक्षक, कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन
- विकास कुमार : अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (स्टेडियम सुरक्षा प्रभारी)
Bengaluru Stampede: सीआईडी और न्यायिक जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि घटना की जांच के लिए दो स्तरों पर व्यवस्था की गई है। एक ओर सीआईडी को पूरे मामले की विस्तृत जांच सौंपी गई है, वहीं दूसरी ओर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस जॉन माइकल डी. कुन्हा के नेतृत्व में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है।
सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया संबंधित पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और असावधानी उजागर हुई है, इसलिए उन्हें हटाना जरूरी था।
आरसीबी, डीएनए इवेंट्स और केएससीए पर भी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि हादसे के लिए केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि आयोजक भी बराबर के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि आरसीबी फ्रेंचाइजी, डीएनए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इन संगठनों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
उच्च न्यायालय ने भी लिया संज्ञान
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस त्रासदी का स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (PIL) दर्ज की और राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि क्या कार्यक्रम के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किया गया था और क्या स्टेडियम में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।
पुलिस ने अब तक दर्ज किए 11 यूडीआर केस
कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन ने मृतकों के संबंध में 11 अप्राकृतिक मृत्यु की रिपोर्ट (UDR) दर्ज की हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई आपराधिक एफआईआर नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एफआईआर की प्रक्रिया शुरू की गई है।
सरकार पीड़ित परिवारों के साथ
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि इस हादसे से उन्हें व्यक्तिगत रूप से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
आरसीबी की पहली आईपीएल ट्रॉफी के जश्न ने एक भयानक त्रासदी का रूप ले लिया, जिसमें अनियंत्रित भीड़ और प्रशासनिक लापरवाही ने कई मासूम जानें छीन लीं। राज्य सरकार द्वारा लिए गए सख्त फैसलों से स्पष्ट संकेत मिला है कि इस मामले को दबाया नहीं जाएगा और हर दोषी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब सबकी निगाहें सीआईडी और न्यायिक जांच की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे सच सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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