NIA: पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम पर हमला हो गया। यह घटना पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में हुई। दरअसल, एनआईए की एक टीम शनिवार सुबह 2022 में हुए एक विस्फोट मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर जांच के लिए पहुंची थी। इसी दौरान वहां इकट्ठा हुई भीड़ ने एनआईए की टीम पर हमला बोलते हुए पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पत्थरबाजी में एनआईए टीम की एक गाड़ी के शीशे टूट गए। इसके साथ ही गाड़ी में बैठे एक अधिकारी भी घायल हो गए।
Table of Contents
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत:
यह घटना सुबह 5:30 बजे की बताई जा रही है। रिपोर्टस के अनुसार, एनआईए की एक टीम शनिवार सुबह 2022 में भूपतिनगर में हुए विस्फोट मामले में जांच के लिए पहुंची थी। इससे पहले एनआईए की ओर से स्थानीय पुलिस को इस बारे में जानकारी भी दी गई थी। लेकिन पुलिस ने वहां सुरक्षा व्यवस्था का उचित प्रबंध नहीं किया। जब एनआईए की टीम पूछताछ कर रही थी तो भीड़ ने हमला बोल दिया। इस घटना के बारे में एनआईए की ओर से स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
क्या है मामला:
ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में भूपतिनगर में एक विस्फोट हुआ था। उस ब्लास्ट में एक घर ध्वस्त हो गया था और तीन लोगों की मौत भी हो गई थी। इस मामले में पूछताछ के लिए पिछले माह एनआईए तृणमूल कांग्रेस के 8 नेताओं को तलब किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इन नेताओ को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था लेकिन वे पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। इससे पहले भी समन भेजने पर वे केंद्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर नहीं पहुंचे थे। इस पर एनआईए की एक टीम शनिवार सुबह भूपतिनगर पहुंची थी, जहां भीड़ ने उन पर हमला कर दिया।
टीएमसी नेताओं ने बीजेपी पर लगाए आरोप:
वहीं इस मामले में टीएमसी नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाए हैं। टीएमसी नेता कुणाल घोष का आरोप है कि इस घटना के पीछे बीजेपी का हाथ है। उनका कहना है कि बीजेपी के नेताओं ने ही एनआईए को इस मामले में जांच के लिए प्रेरित किया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाए हैं कि जांच एजेंसी एएनआई को टीएमसी नेताओं की लिस्ट बीजेपी ने ही दी है। साथ ही कुणाल घोष का कहना है कि एएनआई उनके घरों पर छापेमारी कर गिरफ्तार करने की प्लानिंग कर रही है।
पहले संदेशखाली में ED टीम पर हुआ था हमला:
इससे दो माह पहले पश्चिम बंगाल में ही प्रर्वतन निदेशालय की एक टीम पर भी हमला हुआ था। ईडी की टीम पर यह हमला संदेशखाली में हुआ था। ईडी की एक टीम स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी के लिए गई थी। टीएमसी नेता के समर्थकों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था। वहां भी भीड़ ने पत्थरबाजी भी की थी।
इसके साथ ही उग्र भीड़ ने केंद्रीय बल के जवानों पर भी पत्थरबाजी कर दी थी। इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। बता दें कि शाहजहां शेख को पश्चिम बंगाल की पूर्व मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक का करीबी माना जाता है। फिलहाल शाहजहां शेख सीबीआई की गिरफ्त में हैं, उस पर संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण का आरोप है।
बोनगांव में भी ईडी टीम के सामने आ गई थी उग्र भीड़:
इसी वर्ष जनवरी माह में बोनगांव में भी ईडी के सामने उग्र भीड़ आ गई थी। दरअसल, ईडी की एक टीम राशन घोटाला मामले में बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को अरेस्ट करने पहुंची थी। इसी दौरान वहां भीड़ इकट्ठी हो गई थी। जब ईडी की टीम शंकर आध्या को अपने साथ ले जाने लगी तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया था।
हालांकि सीआरपीएफ के जवानों ने लाठीचार्ज कर भीड़ को नियंत्रित कर लिया था। शंकर आध्या को गिरफ्तार करने से पहले ईडी की टीम ने आध्या और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी प्रॉपर्टी की कई घंटों तक तलाशी ली थी।