Air Pollution: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने से स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है। सर्दियों के साथ प्रदूषण की समस्या और भी गंभीर हो गई है, जिसके कारण राजधानी गैस चेंबर में तब्दील होती जा रही है। नोएडा और गाजियाबाद में अभी स्कूलों को बंद करने के आदेश नहीं जारी किए गए हैं। यह स्थिति दिल्ली और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और अन्य श्वसन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली के लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।
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दिल्ली में लागू होगा ग्रैप-3
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (GRAP) के स्टेज 3 को लागू कर दिया गया है। इस स्टेज के तहत कई कड़े उपायों को लागू किया जाएगा ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और नागरिकों की सेहत की सुरक्षा की जा सके।
बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध:
अब बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों को एनसीआर में चलने से रोक दिया जाएगा। ये वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, और इनके चलने से वायु गुणवत्ता और बिगड़ती है। अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करना। फैक्ट्रियों और अन्य प्रदूषण स्रोतों से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों पर प्रतिबंध लगाना।
निर्माण कार्यों पर रोक:
बिल्डर प्रोजेक्ट्स, सड़क निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी, क्योंकि इन गतिविधियों से धूल और अन्य प्रदूषक तत्व हवा में फैलते हैं, जो प्रदूषण में वृद्धि करते हैं। वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी, साथ ही निर्माण कार्य और अन्य गतिविधियां भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाती हैं। सड़क पर धूल और अन्य प्रदूषक तत्व हवा में घुल जाते हैं, जिससे हवा और भी जहरीली हो जाती है।
वाहनों की गति में कमी:
लगभग 5.5 लाख वाहनों की गति को कम किया जाएगा। इन वाहनों की स्पीड को घटाने से प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सकेगा, क्योंकि धीमी गति से गाड़ियां कम प्रदूषण पैदा करती हैं। वाहनों की गति कम करने से प्रदूषण में कुछ हद तक सुधार संभव हो सकेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां गाड़ियों की भीड़ और गति अधिक होती है।
GRAP स्टेज 3 के प्रभाव:
बीएस 3 और बीएस 4 वाहन प्रदूषण के प्रमुख स्रोत माने जाते हैं, और इन पर रोक लगाने से हवा में खतरनाक तत्वों की मात्रा में कमी आएगी। निर्माण कार्यों पर रोक और सड़क निर्माण गतिविधियों को स्थगित करना, प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इन कार्यों से धूल और पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) का उत्सर्जन होता है।
और क्या प्रतिबंध है?
- 5वीं तक के बच्चों की क्लास ऑनलाइन मोड पर चलेगी।
- बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों की थमेगी रफ्तार।
- तोड़फोड़-कंस्ट्रक्शन पर सख्ती।
- पेंटिंग, वेल्डिंग और गैस कंटिंग के कामों पर भी रोक प्रतिबंध।
- सड़कों की साफ-सफाई जैसे झाड़ू लगाने पर रोक।
- बिल्डिंग ढहाने के बाद निकलने वाले मलबे के परिवहन पर भी लगाम ।
- छतों को सीलन से बचाने के लिए होने वाले वाटर प्रूफिंग वर्क पर रोक।
- टाइल्स की कटिंग, ग्राइंडिंग और फिक्सिंग पर रोक।
- सीमेंटिंग, प्लास्टर और दूसरे कोटिंग वर्क्स पर रोक।
- सड़क निर्माण और रिपेयरिंग वर्क पर प्रतिबंध।
- ईंट की चिनाई के काम पर भी रोक।
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