Lung cancer: आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते। इसके साथ ही बढ़ता प्रदूषण भी लोगों को कई तरह की शारीरिक परेशानियां दे रहा है। प्रदूषण की वजह से लोगों को फेंफड़ों से संबंधित परेशानियां भी हो रही हैं। कई बार प्रदूषण और स्मोकिंग जैसी गलत आदतों की वजह से भी लंग कैंसर हो जाता है। आमतौर पर लोगों का मानना है कि लंग कैंसर अधिक उम्र वाले लोगों में ज्यादा होता है। हालांकि, युवाओं में लंग कैंसर के मामले कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन आजकल युवा वर्ग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में युवाओं में भी लंग कैंसर के मामले देखने को मिले हैं।
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समय पर उपचार तो इलाज संभव:
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर युवाओं में होने वाले लंग कैंसर का पता शुरुआत में ही चल जाए तो उचित उपचार मिलने के बाद उसे कंट्रोल और ठीक किया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि लंग कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं और इनका पता कैसे लगाया जा सकता है। हम आपको लंग कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में और किस वजह से लंग कैंसर होता है बताते हैं।
लंग कैंसर के शुरुआती लक्षण:
—लंग कैंसर के कई लक्षण हो सकते हैं। इनमें सबसे आम लक्षण है सांस लेने में परेशानी होना। ऐसे में अगर किसी को सांस लेने में परेशानी हो रही है या घरघराहट की आवाज महसूस हो रही है तो ये लंग कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बता दें कि लंग कैंसर से फेफड़ों में सूजन आ जाती है और गला बंद होने लगता है।
—अगर खांसते वक्त खून आ रहा है तो भी सतर्क हो जाएं। अगर ऐसा तीन हफ्ते से ज्यादा से हो रहा है तो ये भी लंग कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। लेंग कैंसर होने पर लगातार वजन कम होने लगता है। इसके साथ ही बॉडी में कैंसर सेल्स की वृद्धि से भूख भी नहीं लगती और शरीर का वजन अचानक कम होने लगता है।
—अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द लंबे समय तक बना रहता है तो ये भी लंग कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लंग कैंसर में लोगों को छाती, कंधों या पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
युवाओं में लंग कैंसर की वजह:
लंग कैंसर की सबसे बड़ी वजह स्मोकिंग है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लंग कैंसर के 85 फीसदी मामले सिगरेट या धूम्रपान करने की वजह से होते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा लोग लंग कैंसर के मामले लोगों को 40 साल की उम्र में ज्यादा होते हैं। वहीं जो युवा बहुत ज्यादा कार्सिनोजेनिक केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं उन्हें भी 25 से 30 साल की उम्र में लंग कैंसर होने का खतरा रहता है।
तंबाकू सेवन:
लंग कैंसर की दूसरी सबसे बड़ी वजह तंबाकू का सेवन है। बता दें कि आजकल 30 साल की उम्र से भी कम युवा तंबाकू का सेवन करने लगे हैं। कई बार तो टीनएजर्स भी तंबाकू का सेवन करते दिख जाते हैं। तंबाकू सेवन का सीधा असर फेफड़ों पर होता है। तंबाकू का सेवन सिगरेट या गुटखा के माध्यम से करने से लंग कैंसर होने की संभावना ज्यादा रहती है। बता दें कि निकोटिन में 10,000 कार्सिनोजेंस होते हैं।
ऐसे में जो लोग कम उम्र में स्मोकिंग करते हैं, उन्हें आगे भविष्य में लंग कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बता दें कि लंग कैंसर एक्टिव स्मोकर के साथ पैसिव स्मोकर को भी हो सकता है। अगर आप स्मोकिंग करने वाले ग्रुप के साथ रहते हो तो आपको भी लंग कैंसर होने का खतरा रहता है।