HMPV Virus: चीन और मलेशिया के बाद अब ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का संक्रमण तेजी से अन्य देशों में भी फैल रहा है। भारत में भी इस वायरस के मामले सामने आए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 6 जनवरी को जानकारी दी कि HMPV के संक्रमण के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। हाल ही में बेंगलुरु में HMPV के दो मामले दर्ज किए गए। इनमें एक तीन महीने का शिशु और एक आठ महीने का बच्चा शामिल हैं। तीन महीने के शिशु को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि आठ महीने के बच्चे का इलाज जारी है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
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भारत में तीसरा मामला दर्ज
ICMR की रिपोर्ट के बाद गुजरात में HMPV का तीसरा मामला दर्ज हुआ है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि राजस्थान के डूंगरपुर से सारवार आए दो महीने के बच्चे में HMPV संक्रमण पाया गया है। उसे अहमदाबाद रेफर किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड के समय की गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही एक एसओपी जारी करेगी।

चीन में मच रहा हड़कंप
सोशल मीडिया पर खबरें हैं कि चीन में HMPV संक्रमण के कारण मरीजों के लिए बेड कम पड़ रहे हैं। हालांकि, चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए प्रोटोकॉल लागू किए हैं। अभी तक इस पर आपातकालीन स्थिति की घोषणा नहीं हुई है।
HMPV के संक्रमण का दायरा
HMPV वायरस का पहला मामला चीन में दर्ज हुआ था। इसके बाद मलेशिया और कई अन्य देशों में भी इसके संक्रमण के मामले सामने आए। चीन में 2024 में HMPV के 327 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 के 225 मामलों की तुलना में 45% अधिक हैं। मलेशिया सरकार ने भी इस संक्रमण को लेकर नागरिकों को सतर्क रहने और गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह दी है।
मौजूदा स्थिति: रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के कुछ अस्पताल अत्यधिक व्यस्त हैं। हालांकि, चीनी अधिकारियों और WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने अभी तक इसे आपातकालीन स्थिति घोषित नहीं किया है।
भारत एचएमपीवी मामलों पर नज़र रख रहा है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयारियों की पुष्टि की
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बेंगलुरु में एचएमपीवी के दो मामलों की सूचना दी है, जिसमें ब्रोंकोन्यूमोनिया से पीड़ित शिशु शामिल हैं। दोनों में सुधार देखा गया है, और उनका कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। मंत्रालय ने श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए भारत की तत्परता पर जोर दिया, और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों पर प्रकाश डाला। आईसीएमआर और आईडीएसपी के आंकड़ों के अनुसार, देश भर में आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) या एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है। बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई सहित एचएमपीवी के लक्षण आईएलआई और एसएआरआई के समान हैं, जिससे निरंतर निगरानी महत्वपूर्ण हो जाती है। वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त, एचएमपीवी ने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य खतरों को जन्म नहीं दिया है, और भारत संभावित उछाल के प्रति सतर्क है।
HMPV Virus: जानें इसके लक्षण, फैलने की संभावना और उपलब्ध इलाज
एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) सर्दियों में सक्रिय होने वाला एक सामान्य आरएनए वायरस है। यह मुख्य रूप से श्वसन संक्रमण का कारण बनता है और बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। आइए, इसके लक्षण, संक्रमण के तरीके और इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं।
HMPV Virus क्या है?
एचएमपीवी एक ऐसा वायरस है जो श्वसन तंत्र पर हमला करता है। यह वायरस सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों से लेकर गंभीर संक्रमण, जैसे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस, तक का कारण बन सकता है। ठंडे मौसम में यह अधिक सक्रिय हो जाता है, और इसके चलते खांसी, गले में खराश, और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
HMPV Virus कैसे फैलता है?
यह वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है। इसके फैलने के मुख्य माध्यम निम्नलिखित हैं:
- खांसने और छींकने से: जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो वायरस हवा में फैल जाता है।
- सीधे संपर्क से: संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसके पास समय बिताने से यह फैल सकता है।
- संक्रमित सतहों के माध्यम से: किसी संक्रमित वस्तु, जैसे दरवाज़े का हैंडल, खिलौने, या टेबल को छूने के बाद मुंह, नाक, या आंख को छूने से वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है।
संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
HMPV Virus के लक्षण क्या हैं?
एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। शुरुआत में ये सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं, लेकिन अगर संक्रमण गंभीर हो, तो यह निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का रूप ले सकता है। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
लक्षण | विवरण |
---|---|
खाँसी | लगातार खांसी |
बुखार | उच्च शारीरिक तापमान |
बहती नाक | लगातार नाक से स्राव आना |
गला खराब होना | गले में दर्द या जलन |
थकान | थकान या कमज़ोरी महसूस होना |
सांस लेने में दिक्क्त | सांस लेने में तकलीफ या सांस लेने में परेशानी |
खरोंच | त्वचा में जलन या लालिमा |

क्या दुनिया में फिर से महामारी फैलने की आशंका है?
एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामले हाल ही में चीन और भारत सहित कई देशों में सामने आए हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई दावे किए जा रहे हैं, जिनमें यह भी कहा जा रहा है कि चीन इस वायरस की गंभीरता को छिपा रहा है। हालांकि, अभी तक इस वायरस को लेकर किसी भी आधिकारिक एजेंसी ने आपातकाल की घोषणा नहीं की है।
एचएमपीवी: क्या है मौजूदा स्थिति?
चीन में एचएमपीवी के मामले बढ़ने की खबरें हैं। हालांकि, चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे फ्लू के मौसम से जुड़ी सामान्य स्थिति बताया है। भारत में भी तीन मामले दर्ज किए गए हैं। गुजरात में राजस्थान से आए एक दो महीने के शिशु में इसका संक्रमण पाया गया है, जिसे अहमदाबाद के अस्पताल में रेफर किया गया है।
क्या एचएमपीवी कोरोना वायरस जैसा है?
एचएमपीवी और कोरोना वायरस अलग-अलग परिवारों (पैरामाइक्सोविरिडे और कोरोनाविरिडे) से हैं, लेकिन इनमें कई समानताएं हैं:
- श्वसन तंत्र पर प्रभाव: दोनों वायरस श्वसन पथ को प्रभावित करते हैं।
- संचरण का तरीका: दोनों वायरस सांस के माध्यम और संक्रमित सतहों के संपर्क से फैलते हैं।
- लक्षण: बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ आदि लक्षण दोनों में देखे जाते हैं।
- जोखिम समूह: कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, छोटे बच्चे और बुजुर्ग इनमें अधिक संवेदनशील होते हैं।
- बचाव: मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियां प्रभावी हैं।
क्या यह महामारी बन सकता है?
एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसका पहली बार पता 2001 में नीदरलैंड में चला था। इसे 50 साल पुराना माना जाता है। 2023 में यह अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी पाया गया था। अभी तक इसका ऐसा कोई वैरिएंट नहीं देखा गया है, जो कोरोना वायरस की तरह तेजी से फैल सके।
क्या इसका इलाज और टीका उपलब्ध है?
- इलाज: फिलहाल एचएमपीवी का कोई विशेष एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है। हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ही ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और कॉर्टिकोस्टेरॉइड दिया जाता है।
- टीका: इस वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। इसकी गंभीरता को देखते हुए वैक्सीन बनाने की तत्काल जरूरत भी महसूस नहीं हुई है।

क्या हमें इस वायरस से डरना चाहिए?
एचएमपीवी को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर रख रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में गंभीर स्थिति बनने की संभावना नहीं है।
चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया
चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे मौसमी फ्लू जैसा वायरस बताया है। उनका कहना है कि यह स्थिति असामान्य नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि इस साल श्वसन बीमारियां पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं और यात्रा के लिए कोई प्रतिबंध की आवश्यकता नहीं है।
डब्ल्यूएचओ और भारतीय स्वास्थ्य विभाग का बयान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एचएमपीवी को लेकर अभी तक कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया है। भारत के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने इसे सामान्य श्वसन वायरस बताते हुए कहा कि इसके लक्षण गंभीर नहीं हैं और स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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