Heart Attack: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के संयुक्त अध्ययन में स्पष्ट किया गया है कि युवाओं में कोविड वैक्सीन और अचानक हृदय गति रुकने (Cardiac Arrest) के बीच कोई संबंध नहीं है। एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी दोहराते हुए कहा कि कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं और इसके कारण हार्ट अटैक नहीं हो रहे हैं। इसके पीछे असली वजह युवाओं की बिगड़ती जीवनशैली, खान-पान में बदलाव और शारीरिक निष्क्रियता है।
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Heart Attack: कोविड से पहले भी युवाओं में हार्ट प्रॉब्लम थी
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि कोविड से पहले भी युवाओं में हार्ट संबंधी समस्याएं देखी जाती रही हैं। भारत में हार्ट अटैक की औसत उम्र पश्चिमी देशों से 10 साल कम है। इसकी मुख्य वजह खराब लाइफस्टाइल, जंक फूड, कम फिजिकल एक्टिविटी और अनुवांशिक प्रवृत्तियां हैं। उन्होंने कहा, “हमारा खान-पान फास्ट फूड की ओर शिफ्ट हो गया है, जबकि शारीरिक गतिविधि घट गई है, जिससे मोटापा और हार्ट प्रॉब्लम बढ़ रही है।”
Heart Attack: वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित, निगरानी होती है सख्त
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि सभी दवाओं और वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की बारीकी से निगरानी की जाती है। कोविड वैक्सीन के भी साइड इफेक्ट्स बहुत कम हैं, जबकि इसके फायदे बहुत अधिक हैं। उन्होंने बताया, “कोविड वैक्सीन ने भारत को महामारी से लड़ने में बड़ी मदद की। टीकाकरण की वजह से ही भारत ने कोविड पर तेजी से काबू पाया और लोगों की जान बचाई।”
Heart Attack: बिना कारण हुई मौतों का कारण जीवनशैली
कोविड वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर युवाओं में अचानक मौत से जोड़ने की अफवाहों पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ऐसी अचानक मौतें अधिकतर बिगड़ी जीवनशैली और निष्क्रियता का परिणाम हैं। उन्होंने कहा, लोगों को वजन कंट्रोल, एक्सरसाइज और संतुलित आहार पर ध्यान देना चाहिए। पारंपरिक भारतीय खान-पान अपनाना और जंक फूड से दूरी बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने साफ कहा कि कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं है। इन मामलों में जागरूकता बढ़ाना समय की जरूरत है ताकि युवा अपनी आदतें सुधार सकें।
एंटी-एजिंग दवाओं पर नियंत्रण जरूरी
एंटी-एजिंग दवाओं पर पूछे गए सवाल के जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह एक बड़ा उद्योग बन गया है, लेकिन इस पर कोई रेगुलेशन नहीं है। उन्होंने कहा, अधिकांश एंटी-एजिंग दवाओं पर पर्याप्त वैज्ञानिक रिसर्च नहीं है और इनके लंबे समय तक उपयोग से नुकसान हो सकता है। इसलिए इन दवाओं के इस्तेमाल पर नियंत्रण और कानून की जरूरत है ताकि दुरुपयोग रोका जा सके। उन्होंने मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए उपयोग में आने वाली दवाओं पर भी नजर रखने की आवश्यकता बताई ताकि लोग अज्ञानता में स्वास्थ्य को खतरे में न डालें।
ICMR और AIIMS के संयुक्त अध्ययन ने यह साफ कर दिया है कि कोविड वैक्सीन युवाओं में हार्ट अटैक का कारण नहीं है। इसके पीछे अनुचित जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता जैसी वजहें जिम्मेदार हैं। युवाओं को अपनी आदतें सुधारने, वजन नियंत्रित रखने और नियमित व्यायाम करने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, एंटी-एजिंग दवाओं के अनियंत्रित इस्तेमाल पर भी रोक लगाने की जरूरत है ताकि युवा पीढ़ी को लंबा और स्वस्थ जीवन मिल सके।
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