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Tuesday, September 16, 2025
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PK Singh: कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह, जिन्होंने गैंगस्टर अमन ​साहू को किया ढेर, जानिए उनका रिकॉर्ड

PK Singh: झारखंड के पलामू के पास गैंगस्टर अमन के गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इसके बाद टीम ने जवाबी कार्रवाई में अपराधी अमन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके सिंह की गोलियों का शिकार हुआ।

PK Singh: झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डीएसपी प्रमोद कुमार सिंह, जिन्हें पीके सिंह के नाम से जाना जाता है, ने एक बार फिर अपनी बहादुरी का परिचय दिया। मंगलवार (11 मार्च 2025) को रायपुर से रांची लाए जा रहे कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को उन्होंने पलामू में मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन के दौरान एटीएस के एक जवान राकेश कुमार घायल हो गए, लेकिन टीम ने पूरी मुस्तैदी से इस चुनौती का सामना किया।

PK Singh: कैसे हुआ अमन साहू का एनकाउंटर

अमन साहू, जो रायपुर जेल में बंद था, उसे झारखंड एटीएस की टीम रांची लेकर आ रही थी। डीएसपी पीके सिंह इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे थे। जैसे ही पुलिस का काफिला पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में पहुंचा, अमन साहू ने पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भागने की कोशिश की। इस दौरान उसने एक सिपाही से इंसास राइफल छीन ली और पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पीके सिंह ने मौके पर ही उसे मार गिराया।

PK Singh: अपराधियों का काल बन चुके हैं पीके सिंह

पीके सिंह झारखंड पुलिस में 1994 बैच के सब-इंस्पेक्टर के रूप में भर्ती हुए थे। उनके अदम्य साहस और बेहतरीन रणनीति के कारण उन्हें “एनकाउंटर स्पेशलिस्ट” कहा जाता है।

PK Singh: उनके कुछ चर्चित ऑपरेशन:

2004: मंगरदाहा घाटी में सड़क लुटेरों का सफाया

  • पीके सिंह ने सिविल ड्रेस में ट्रक पर बैठकर अपराधियों तक पहुंचने की रणनीति बनाई।
  • उनके नेतृत्व में ऑपरेशन हुआ, जिसमें कई लुटेरे मारे गए।
  • इसके बाद इस इलाके में लूटपाट की घटनाएं बंद हो गईं।

बरवाडीह (लातेहार) में नक्सली एनकाउंटर

  • नक्सल प्रभावित इलाके में अभियान चलाया।
  • एक कुख्यात नक्सली को मार गिराया और खुद ही उसका शव बुलेट से थाने तक लेकर आए।

2022: धनबाद मुथूट फाइनेंस डकैती प्रयास विफल

  • बैंक मोड़ थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्होंने अकेले ही अपराधियों से लोहा लिया।
  • अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया।
  • यह घटना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई।

PK Singh: जनता के बीच लोकप्रियता और सम्मान

पीके सिंह की बहादुरी और अपराध नियंत्रण के प्रति सख्त रवैये के चलते उन्हें जनता का अपार समर्थन मिला है। जब 2006 में उनकी पहली पोस्टिंग नावाडीह थाने में हुई थी, तभी उन्होंने कहा था कि “जहां मैं रहूंगा, वहां अपराधी नहीं टिकेंगे।” उन्होंने अपनी इस बात को सच कर दिखाया। उनके चैनपुर थाना से ट्रांसफर के समय जनता ने विरोध में कोयल नदी पुल को जाम कर दिया और एक दिन का बंद रखा। यह उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।

PK Singh: सम्मान और पुरस्कार

  • राष्ट्रपति पुरस्कार
  • मुख्यमंत्री वीरता पदक
  • कई पुलिस सेवा सम्मान

PK Singh: विवादों में भी आया नाम

हालांकि पीके सिंह का नाम विवादों से भी अछूता नहीं रहा। धनबाद के ईस्ट बसुरिया मर्डर केस में पीड़ित परिवार जब न्याय और मुआवजे की मांग कर रहे थे, तब उन पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगा था। इस घटना की शिकायत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंची थी।

अपराधियों के लिए काल, जनता के लिए सुरक्षा का प्रतीक

डीएसपी पीके सिंह ने झारखंड पुलिस में अपनी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में बनाई है, जो अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटते। गैंगस्टर अमन साहू का एनकाउंटर उनके साहसी रिकॉर्ड में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है।

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