Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में विशेष पुलिस बल (डीआरजी) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। 26 जुलाई की शाम को हुए एक भीषण मुठभेड़ में डीआरजी ने चार कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें से तीन दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के एसीएम स्तर के शीर्ष माओवादी थे और एक पार्टी सदस्य। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद हुई है।
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Naxalite Encounter: सटीक सूचना पर शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन
बीजापुर जिले के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों की विश्वसनीय सूचना मिलने पर डीआरजी की टीम ने एक सघन तलाशी अभियान चलाया था। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि जैसे ही टीम उस क्षेत्र में पहुंची, वहां छिपे नक्सलियों ने पुलिस बल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों ओर से लंबे समय तक रुक-रुक कर मुठभेड़ चलती रही।
Naxalite Encounter: चार कुख्यात नक्सली मारे गए
मुठभेड़ समाप्त होने के बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल की तलाशी ली, जहां चार नक्सलियों के शव बरामद किए गए। मारे गए नक्सलियों की पहचान हुंगा, लक्खे, भीमे और निहाल उर्फ राहुल के रूप में हुई है। इनमें से भीमे, हुंगा और लक्खे पर ₹5-5 लाख का इनाम घोषित था, जबकि निहाल उर्फ राहुल ₹2 लाख का इनामी नक्सली था। ये सभी दक्षिण सब जोनल ब्यूरो से जुड़े हुए प्रशिक्षित और सक्रिय माओवादी थे।
Naxalite Encounter: भारी मात्रा में हथियार और नक्सली सामग्री बरामद
मुठभेड़ के बाद डीआरजी टीम ने घटनास्थल से अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा बरामद किया है। इनमें शामिल हैं:
- SLR (Self Loading Rifle)
- INSAS राइफल
- .303 बोर राइफल
- बीजीएल (बम ग्रेनेड लॉन्चर)
- सिंगल शॉट गन
- विभिन्न प्रकार के ग्रेनेड और गोला-बारूद
- नक्सली साहित्य, विस्फोटक उपकरण और संचार साधन
इन हथियारों की बरामदगी यह संकेत देती है कि माओवादी किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे, जिसे सुरक्षा बलों ने समय रहते विफल कर दिया।
425 हार्डकोर नक्सली मारे जा चुके: IG सुंदरराज
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने जानकारी दी कि 2024 से अब तक बस्तर संभाग में 425 हार्डकोर नक्सली मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे सघन अभियान से माओवादियों के नेटवर्क को गहरा झटका लगा है। मानसून की प्रतिकूल परिस्थितियों, दुर्गम इलाकों और जोखिम भरे ऑपरेशनों के बावजूद हमारी टीमें माओवादियों के खिलाफ निर्णायक बढ़त बना रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में माओवादियों की गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों में भरोसा और राहत
इस मुठभेड़ और सफल ऑपरेशन के बाद स्थानीय ग्रामीणों में राहत और सुरक्षा की भावना देखी गई है। प्रशासन और पुलिस द्वारा लगातार सामाजिक सहभागिता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, ताकि क्षेत्र में विश्वास बहाली और सामान्य जीवन की वापसी सुनिश्चित की जा सके।
नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी
राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से छत्तीसगढ़ के बस्तर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में नक्सल विरोधी अभियानों को और तेज कर दिया गया है। हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जो संगठन से जुड़े रहकर हिंसा का रास्ता अपना रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बीजापुर में डीआरजी को मिली यह सफलता माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका है और यह दर्शाता है कि सुरक्षा बल न सिर्फ रणनीतिक रूप से सक्षम हैं बल्कि मनोबल और संसाधनों के मामले में भी बेहतर स्थिति में हैं।
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