Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन लेते हुए राज्य सरकार ने आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर 88 करोड़ रुपये से अधिक का कमीशन लेने का आरोप है। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख दिखाते हुए यह कार्रवाई की है।
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Liquor Scam: ईओडब्ल्यू की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच में बताया कि 2019 से 2023 तक आबकारी विभाग में अधिकारियों ने सिंडिकेट बनाकर नकली होलोग्राम और बिना हिसाब किताब के 60,50,950 पेटी शराब बेच दी। इसके चलते सरकार को 2174 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जिला आबकारी अधिकारियों ने शराब आपूर्तिकर्ताओं से 319 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की, जिसमें से 280 करोड़ रुपये अप्रैल 2019 से जून 2022 के बीच वसूले गए।
Liquor Scam: विधानसभा चुनाव में फंडिंग के लिए जुटाई गई रकम
ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में दावा किया गया है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में एक पार्टी को फंडिंग के लिए रकम जुटाने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई थी। इनमें आबकारी उपायुक्त दिनकर वासनिक, नवीन प्रताप सिंह तोमर, विकास गोस्वामी, नीतू नोतानी और इकबाल खान शामिल हैं। इसके अलावा, मतदान से पहले शराब बांटने के लिए भी शराब उपलब्ध कराई गई थी।
Liquor Scam: किन अधिकारियों पर गिरी गाज?
विशेष सचिव आबकारी विभाग द्वारा जारी आदेश में जिन 22 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- प्रमोद कुमार नेताम (बेमेतरा)
- विकास कुमार गोस्वामी (अंबिकापुर)
- नवीन प्रताप सिंह तोमर (रायपुर)
- राजेश जायसवाल (रायपुर)
- मंजुश्री कसेर (रायपुर)
- दिनकर वासनिक (रायपुर)
- आशीष कोसन (रायपुर)
- सौरभ बख्शी (रायपुर)
- प्रकाश पाल (रायपुर)
- रामकृष्ण मिश्रा (रायपुर)
- अलेख राम सिदार (जांजगीर-चांपा)
- सोनल नेताम (सारंगढ़-बिलाईगढ़)
- मोहित कुमार जायसवाल (रायपुर)
- गरीबपाल सिंह ददो (राजनांदगांव)
- इकबाल अहमद खान (दंतेवाड़ा)
- जर्नादन सिंह कौरव (रायपुर)
- नितिन कुमार खंडूजा (बेमेतरा)
- अनिमेष नेताम (दुर्ग)
- अरविंद कुमार पटले (रायपुर)
- नीतू नोतानी (रायपुर)
- मोहर सिंह ठाकुर (बिलासपुर)
- विजय सेन शर्मा (अंबिकापुर)
इन अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने 2238 पेज की चार्जशीट पेश की है, जिसमें 138 पेज की समरी में इनकी भूमिका का विस्तृत उल्लेख किया गया है।
रिटायर्ड अधिकारी भी घेरे में
इस घोटाले में सात रिटायर्ड अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं। जांच में पाया गया कि सरकारी दुकानों से अन-एकाउंटेड और बिना ड्यूटी पेड शराब की बिक्री कर नकली होलोग्राम का प्रयोग कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर दृढ़ता से हम कायम हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटालों की परत दर परत सच्चाई सामने आ रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी, किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
ईओडब्ल्यू ने राज्य सरकार से मांगी थी अभियोजन स्वीकृति
ईओडब्ल्यू ने राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, जिसके बाद अनुमति मिलते ही इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अब इस मामले में दोषियों पर कानूनी कार्रवाई तेज होगी और जांच के बाद और भी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। इस घोटाले से सरकार को हुए बड़े नुकसान और भ्रष्टाचार के नए खुलासे ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है।
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