Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले के बीजापुर और अबूझमाड़ क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला दंतेवाड़ा पुलिस और सीआरपीएफ की 165वीं वाहिनी ने ग्राम बेलनार में नया फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) स्थापित किया है। यह कैंप राज्य सरकार की ‘नियद नेल्लानार’ योजना के तहत ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है। प्रतिकूल मौसम और दुर्गम भूभाग के बावजूद सुरक्षा बलों ने माओवादियों के कोर जोन में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। कैंप से बीजापुर और नारायणपुर के पहुंचविहीन गांवों को सीधे जोड़ा जा सकेगा, जिससे सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होंगी।
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Chhattisgarh: बेलनार में नया फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित
बस्तर क्षेत्र लंबे समय से नक्सलवाद का गढ़ रहा है, जहां अबूझमाड़ जैसे घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में माओवादी अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार ने नक्सल उन्मूलन के लिए आक्रामक अभियान चलाए हैं। 2025 में ही ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ (ऑपरेशन कागर) के तहत छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा हिल्स में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया। इसके अलावा, दंतेवाड़ा में मार्च 2025 में एक महिला नक्सली नेता रेणुका बानू सहित कई को मार गिराया गया। इन सफलताओं के बावजूद, अबूझमाड़ जैसे क्षेत्रों में माओवादियों की पकड़ बनी हुई है, जहां वे स्थानीय आदिवासियों को भ्रमित कर अपनी भर्ती और लेवी वसूली करते हैं। बेलनार कैंप की स्थापना इसी रणनीति का हिस्सा है, जो नक्सलियों की अंतर-जिला गतिविधियों पर अंकुश लगाएगी।
Chhattisgarh: दुर्गम अबूझमाड़ में साहसिक अभियान: चुनौतियों से पार पा सुरक्षा बल
अबूझमाड़, जिसे ‘अज्ञात जंगल’ भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों को कवर करने वाला एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सड़कें दुर्लभ हैं और संचार माध्यम सीमित। यहां माओवादी कोर जोन के रूप में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। बेलनार कैंप स्थापित करने के लिए सुरक्षा बलों को घने जंगलों, नदियों और खड़ी चढ़ाइयों का सामना करना पड़ा। प्रतिकूल मौसम में भारी बारिश और कीचड़ भरे रास्तों के बावजूद, दंतेवाड़ा और बीजापुर पुलिस ने सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन के साथ समन्वय स्थापित किया। कोबरा (कॉम्बैट बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) की 201वीं वाहिनी, यंग प्लाटून 230वीं वाहिनी और 111वीं वाहिनी की सक्रिय भागीदारी से यह कैंप मात्र कुछ दिनों में चालू हो गया।
Chhattisgarh: ग्रामीणों को आत्मविश्वास देगा यह कैंप
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी, सीआरपीएफ के महानिरीक्षक शालीन और दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय के कुशल निर्देशन में यह अभियान संपन्न हुआ। पीआईजी सुन्दरराज ने बताया, यह कैंप न केवल सुरक्षा बलों की पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को आत्मविश्वास देगा। इसी तरह, आईजी शालीन ने जोर दिया कि यह कदम माओवादियों के संचार कोरिडोर को काटेगा। पिछले साल फरवरी 2024 में सुकमा-बीजापुर सीमा पर एफओबी स्थापित करने के दौरान सीआरपीएफ को नक्सली हमले का सामना करना पड़ा था, जिसमें तीन जवान शहीद हुए थे। लेकिन बेलनार में शांतिपूर्ण स्थापना ने सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया है।
‘नियद नेल्लानार’ योजना: विकास का नया द्वार, नक्सलवाद पर प्रहार
छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्लानार’ (आपका गांव, आपका विकास) योजना का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना है। बेलनार कैंप इसी का विस्तार है। कैंप की स्थापना से आसपास के 20 से अधिक गांवों को लाभ मिलेगा। अब ग्रामीणों को सड़क निर्माण, बिजली कनेक्शन, मोबाइल टावर, स्वास्थ्य केंद्र, पीडीएस दुकानें और स्कूल जैसी सुविधाएं घर द्वार पर मिलेंगी। उदाहरण के लिए, पहले बीजापुर के दूरस्थ गांवों तक पहुंचने में दिनों लग जाते थे, लेकिन अब कैंप से पेट्रोलिंग बढ़ने से आपातकालीन सेवाएं तुरंत उपलब्ध होंगी।
इससे नक्सलियों की भर्ती पर असर पड़ेगा, क्योंकि युवा विकास योजनाओं से जुड़ेंगे। योजना के तहत अब तक 500 से अधिक कैंप स्थापित हो चुके हैं, जिनसे 10 लाख से अधिक आदिवासी लाभान्वित हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कैंप नक्सल उन्मूलन की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो सुरक्षा और विकास को एक साथ जोड़ते हैं।
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