Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई की गई है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। यह घोटाला राज्य के शराब नीति में कथित गड़बड़ियों से संबंधित है, जिसमें बड़ी धनराशि का घोटाला होने का आरोप है। कवासी लखमा की गिरफ्तारी इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और ईडी की जांच आगे बढ़ने की संभावना है। अब यह देखना होगा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ के शराब नीति से जुड़े अन्य प्रमुख आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
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ईडी ने कवासी लखमा और बेटे हरीश के घरों पर छापेमारी
शराब घोटाले के संदर्भ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के घरों पर छापेमारी की थी और दोनों से पूछताछ की थी। इस पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की गई, जिससे घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। इसके बाद, ईडी ने कवासी लखमा को तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था। इस बार पूछताछ के दौरान उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी साथ लाने का निर्देश दिया गया था, ताकि लेन-देन और आर्थिक गड़बड़ियों से जुड़े किसी भी पहलू को समझा जा सके।
कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर भेजा
कवासी लखमा की गिरफ्तारी 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई है, जिससे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक हलचल मच गई है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को तीसरी बार पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। इसके बाद, कोर्ट ने ईडी की मांग पर उन्हें 7 दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। लखमा अब 21 तारीख तक पुलिस रिमांड पर रहेंगे, और इस दौरान उनसे पूछताछ की जाएगी। यह गिरफ्तारी घोटाले की जांच में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे घोटाले से जुड़े और महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं।
छापेमारी के दौरान मिले कई साक्ष्य
ईडी द्वारा कवासी लखमा और उनके परिवार के खिलाफ की गई जांच में एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति सामने आई है। 3 जनवरी को हुई पूछताछ से पहले, ईडी ने कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश लखमा, और उनके करीबी सहयोगियों के घरों पर छापे मारे थे। इन छापेमारी के दौरान कई साक्ष्य मिले, जो सीधे तौर पर कवासी लखमा से जुड़े थे। ईडी ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि कवासी लखमा अपने आबकारी मंत्री के कार्यकाल के दौरान नकद में अपराध से अर्जित आय के प्राप्तकर्ता थे। उनके बेटे और सहयोगियों के आवासीय परिसरों में नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत मिले, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाते हैं।