Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के बांकी मोंगरा नगर पालिका परिषद ने ‘मोर आवास’ योजना के तहत 26 हितग्राहियों को स्वीकृति प्रमाण पत्र वितरित किए। इस पहल के तहत कुल 53 आवेदनों को स्वीकृति मिली थी, जिनमें से 26 हितग्राहियों को अब पक्के मकान के लिए आधिकारिक प्रमाण पत्र सौंपे गए हैं। यह कदम प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सुरक्षित और स्थायी आवास प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। खासकर मानसून के मौसम में, जब क्षेत्र में भारी बारिश का प्रकोप है, यह योजना कई परिवारों के लिए राहत बनकर आई है।
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Chhattisgarh: सोनी कुमारी झा ने बताया योजना का महत्व
बांकी मोंगरा नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सोनी कुमारी झा ने प्रमाण पत्र वितरण समारोह में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर व्यक्ति के पास अपना पक्का मकान हो। इस योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को 2.5 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जबकि 1 लाख रुपये का योगदान हितग्राही को करना होगा। एक पक्का मकान बनाने में कुल 3.5 लाख रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘मोर आवास – मोर अधिकार’ अभियान केवल मकान निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामुदायिक सशक्तिकरण और बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। यह योजना ग्रामीण और शहरी भारत में समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है।
Chhattisgarh: हितग्राहियों ने जताया पीएम मोदी का आभार
लाभार्थी वेदराम कश्यप ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हमने आवेदन किया था, और अब हमें इसका लाभ मिला है। पीएम मोदी की वजह से हम जैसे गरीब लोग पक्के मकान में रह सकेंगे। इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। एक अन्य लाभार्थी ने बताया कि बारिश के मौसम में उनके कच्चे मकानों से पानी टपकता था, जिससे खाना बनाने और रहने में कई परेशानियां होती थीं। इस योजना ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। एक महिला लाभार्थी ने कहा, प्रमाण पत्र मिलने से हमारा पक्के मकान का सपना सच हो रहा है। पीएम मोदी ने हम जैसे गरीबों की मदद की, इसके लिए हम उनके आभारी हैं।
Chhattisgarh: योजना का प्रभाव और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ सुनिश्चित करना था, जिसे अब 2024-29 तक विस्तारित किया गया है। छत्तीसगढ़ में यह योजना लाखों परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है। बांकी मोंगरा में 53 हितग्राहियों में से 26 को प्रमाण पत्र मिलने से उनकी जिंदगी में स्थायित्व और सुरक्षा आई है। यह योजना न केवल आवास प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देती है। स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्यों से रोजगार के अवसर बढ़े हैं, और हितग्राहियों को पक्के मकान मिलने से उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
मानसून में राहत, भविष्य में उम्मीद
मानसून के दौरान भारी बारिश से प्रभावित बांकी मोंगरा में यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण साबित हुई है। कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को बारिश में रिसाव और असुरक्षित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था। पक्के मकान की गारंटी ने इन परिवारों को न केवल शारीरिक सुरक्षा दी, बल्कि मानसिक सुकून भी प्रदान किया। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CGHB) द्वारा संचालित इस योजना के तहत EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और LIG (निम्न आय वर्ग) के लिए सब्सिडी और आधुनिक सुविधाओं से युक्त मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
आगे की राह और सरकार की प्रतिबद्धता
बांकी मोंगरा नगर पालिका और छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड इस योजना को और विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सोनी कुमारी झा ने कहा कि यह पहल सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक मील का पत्थर है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर जरूरतमंद परिवार को पक्का मकान मिले। हितग्राहियों का कहना है कि यह योजना उनके लिए नई उम्मीद लेकर आई है, और वे अब बेहतर भविष्य की ओर देख रहे हैं।
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