UPI New Rule: अगर आप डिजिटल लेनदेन के लिए यूपीआई (UPI) का उपयोग करते हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 मार्च तक अपने डेटाबेस को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद, 1 अप्रैल से इनएक्टिव मोबाइल नंबरों पर यूपीआई भुगतान सेवा बंद कर दी जाएगी। NPCI का यह कदम साइबर अपराधों और अन्य धोखाधड़ी से बचाव के लिए उठाया गया है।
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UPI New Rule: क्या है नया नियम?
NPCI ने निर्देश दिया है कि यूपीआई से लिंक किए गए वे सभी मोबाइल नंबर, जो काफी समय से निष्क्रिय हैं, उन्हें बैंक अकाउंट से हटा दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अगर आपका बैंक अकाउंट किसी इनएक्टिव नंबर से जुड़ा हुआ है, तो वह अकाउंट यूपीआई सिस्टम से डिलीट कर दिया जाएगा। इसके बाद, उन नंबरों के जरिए यूपीआई ट्रांजेक्शन करना संभव नहीं होगा।
UPI New Rule: इनएक्टिव मोबाइल नंबरों पर काम नहीं करेगा UPI
NPCI ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि इनएक्टिव नंबरों के कारण यूपीआई और बैंकिंग सिस्टम में तकनीकी खामियां आ रही थीं। अक्सर टेलीकॉम ऑपरेटर पुराने नंबरों को नए ग्राहकों को अलॉट कर देते हैं, जिससे फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे कि गूगल पे (Google Pay) और फोनपे (PhonePe) को हर हफ्ते अपने डेटाबेस को अपडेट करने का निर्देश दिया है।
UPI New Rule: किनका UPI बंद हो सकता है?
- जिनका मोबाइल नंबर बदल गया है और बैंक के साथ अपडेट नहीं है, ऐसे ग्राहक यूपीआई का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
- जिन लोगों ने अपना नंबर बैंक में अपडेट किए बिना निष्क्रिय कर दिया है, ऐसे लोग यूपीआई सेवाओं से वंचित हो सकते हैं।
- वे निष्क्रिय मोबाइल नंबर जो कॉल, एसएमएस आदि जैसी सेवाओं के लिए लंबे समय से उपयोग नहीं किए गए हैं, ऐसे नंबरों को यूपीआई नेटवर्क से हटा दिया जाएगा।
UPI New Rule: इससे बचने के लिए क्या करें?
NPCI के इस फैसले से उन यूजर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, जिनका बैंक अकाउंट उनके पुराने और निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से लिंक है। अगर आपका बैंक अकाउंट भी किसी पुराने नंबर से जुड़ा हुआ है, जो अब एक्टिव नहीं है, तो निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
बैंक में मोबाइल नंबर अपडेट करें
यदि आपका नंबर बदल गया है, तो तुरंत अपने बैंक जाकर या नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर को अपडेट करवाएं।
टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करें
यदि आपका पुराना नंबर निष्क्रिय हो गया है, तो अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (Airtel, Jio, Vi, BSNL आदि) से संपर्क करें और उसे दोबारा एक्टिव करवाने की कोशिश करें।
बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क करें
अगर आपको कोई संदेह है कि आपका नंबर यूपीआई सेवाओं से हटाया जा सकता है, तो अपने बैंक की ग्राहक सेवा से संपर्क कर स्थिति स्पष्ट करें।
UPI New Rule: क्यों लिया गया यह फैसला?
यूपीआई डिजिटल पेमेंट का एक बेहद सुरक्षित और सुविधाजनक माध्यम है, लेकिन हाल के वर्षों में साइबर अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। कई मामलों में देखा गया है कि पुराने और निष्क्रिय नंबरों का उपयोग करके धोखाधड़ी की जाती है।
- कई बार टेलीकॉम कंपनियां पुराने नंबरों को नए ग्राहकों को दे देती हैं। अगर पुराने ग्राहक ने अपना बैंक अकाउंट अपडेट नहीं किया है, तो नया यूजर उस नंबर से यूपीआई ट्रांजेक्शन कर सकता है।
- कई धोखेबाज इनएक्टिव नंबरों के जरिए फर्जी यूपीआई अकाउंट बनाकर फ्रॉड कर सकते हैं।
- तकनीकी रूप से, इनएक्टिव नंबर बैंकिंग सिस्टम में अव्यवस्था उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे ट्रांजेक्शन फेल या गलत हो सकते हैं।
NPCI की सख्त हिदायत
NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वे इस नियम को सख्ती से लागू करें। सभी बैंकों को अपने ग्राहकों को सूचित करने और उन्हें नंबर अपडेट करने की सुविधा देने को कहा गया है। यदि कोई ग्राहक समय रहते अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं करता है, तो उसके यूपीआई ट्रांजेक्शन 1 अप्रैल से बंद हो जाएंगे।
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