Retail Inflation: भारत में महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर गिरकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर है। दिसंबर 2024 में यह दर 5.22 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा बुधवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महंगाई में यह कमी मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है। जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर में आई यह गिरावट आम जनता के लिए राहतभरी खबर है। सरकार और आरबीआई की ओर से उठाए गए कदमों का असर महंगाई पर साफ तौर पर दिख रहा है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह ट्रेंड जारी रहता है या नहीं।
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महंगाई दर में गिरावट का कारण
महंगाई में यह गिरावट ऐसे समय पर दर्ज की गई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया था। खाद्य महंगाई दर जनवरी में घटकर 6.02 प्रतिशत रही, जो कि दिसंबर में 8.39 प्रतिशत थी। यह अगस्त 2024 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
सरकार ने जारी किए आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य महंगाई दर ग्रामीण इलाकों में 6.31 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 5.53 प्रतिशत रही। वहीं, समग्र महंगाई दर की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में यह 4.64 प्रतिशत रही, जो कि दिसंबर में 5.76 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में यह 3.87 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर में 4.58 प्रतिशत थी।
कौन से उत्पाद हुए सस्ते और कौन से महंगे?
सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, “जनवरी महीने के दौरान समग्र महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों, अंडे, दालों, अनाज, शिक्षा, कपड़े और स्वास्थ्य सेवाओं की महंगाई दर में कमी आना है।”
हालांकि, कुछ वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में…
- नारियल तेल की कीमत में 54.20% वृद्धि
- आलू के दाम में 49.61% की बढ़त
- नारियल की कीमत में 38.71% इजाफा
- लहसुन की कीमत में 30.65% की वृद्धि
- मटर (सब्जी) की कीमत में 30.17% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वहीं, कुछ वस्तुओं के दामों में कमी देखने को मिली:
- जीरा की कीमत में -32.25%
- अदरक की कीमत में -30.92%
- सूखी मिर्च की कीमत में -11.27%
- बैंगन की कीमत में -9.94%
- एलपीजी (वाहन को छोड़कर) की कीमत में -9.29% की गिरावट दर्ज की गई।
ईंधन और बिजली की महंगाई दर में गिरावट
ईंधन और बिजली की कीमतों में भी राहत देखने को मिली है। जनवरी में इस श्रेणी में महंगाई दर -1.38% रही, जो कि दिसंबर 2024 में -1.33% थी। यह दर्शाता है कि ईंधन की कीमतों में लगातार कमी हो रही है, जिससे आम लोगों को राहत मिल रही है।
हाउसिंग महंगाई में मामूली वृद्धि
जहां एक ओर खाद्य और ईंधन की महंगाई में गिरावट देखी गई, वहीं हाउसिंग महंगाई में हल्की वृद्धि दर्ज की गई। जनवरी 2025 में हाउसिंग महंगाई दर 2.76% रही, जो कि दिसंबर में 2.71% थी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि खाद्य महंगाई में और गिरावट दर्ज की जाती है और ईंधन की कीमतें नियंत्रण में रहती हैं, तो आगे चलकर महंगाई दर में और राहत मिल सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक के लिए भी यह एक सकारात्मक संकेत है, जिससे वह भविष्य में ब्याज दरों पर और नरम रुख अपना सकता है।