RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के तहत बैंक के ग्राहक अगले छह महीनों तक न तो धनराशि निकाल सकते हैं और न ही किसी तरह का लेन-देन कर सकते हैं। आरबीआई द्वारा यह कदम बैंक में भारी अनियमितताओं के कारण उठाया गया है। सरकार और रिजर्व बैंक इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन फिलहाल ग्राहकों को धैर्य रखने की सलाह दी गई है। बैंक की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना बाकी है।
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बैंक पर प्रतिबंध और ग्राहकों की परेशानी
बैंक पर यह प्रतिबंध बीते गुरुवार से लागू हो चुका है और आगामी छह महीनों तक प्रभावी रहेगा। इस फैसले के बाद बैंक के ग्राहकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की विभिन्न शाखाओं के बाहर लोगों की लंबी कतारें लग गई हैं, जहां ग्राहक अपने पैसों को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
बैंक के एक लंबे समय से ग्राहक अजय मोरे ने नाराजगी जताते हुए कहा, मैं पिछले 22 सालों से इस बैंक का ग्राहक हूं। मेरा और मेरी पत्नी का खाता यहीं है। अचानक बिना किसी सूचना के बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हमारे सभी पैसे बैंक में जमा हैं, अब खर्च के लिए कुछ भी नहीं बचा। हमें बताया गया है कि 90 दिनों तक इंतजार करना होगा, लेकिन इतने दिनों तक हम क्या करेंगे?
बांद्रा शाखा के एक अन्य ग्राहक ने कहा कि बैंक पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन है। उन्होंने कहा, हम अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए इस बैंक पर निर्भर हैं। अगर पहले से कोई सूचना दी गई होती, तो हम अपने पैसों की सुरक्षा कर सकते थे। अचानक से पैसे निकालने पर रोक लगाना बहुत गलत है।
ग्राहकों की बढ़ती चिंता
बैंक की एक अन्य ग्राहक विद्या ने कहा, मेरे सभी फिक्स्ड डिपॉजिट इसी बैंक में हैं। अब अचानक हमें बताया जा रहा है कि कुछ खास नियमों के तहत ही पैसे निकाले जा सकते हैं। हमें पहले से जानकारी दी जानी चाहिए थी, ताकि हम अपनी आर्थिक स्थिति संभाल सकते।
हालांकि, आरबीआई ने कुछ शर्तों के तहत ग्राहकों को सीमित धनराशि निकालने की अनुमति दी है, लेकिन ग्राहकों का कहना है कि यह राशि उनके खर्चों के लिए अपर्याप्त है।
बैंक का बयान: आपका पैसा सुरक्षित है
बैंक के कार्यवाहक सीईओ ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि उनकी जमा राशि सुरक्षित है। बैंक के बाहर चिपकाए गए नोटिस में कहा गया, आरबीआई द्वारा बैंक पर लगाया गया प्रतिबंध जमाकर्ताओं के हित में है। हमारे पास आपकी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन’ (DICGC) के पास बीमित और सुरक्षित है। लगभग 90 दिनों के भीतर इन राशियों को लौटाने की उम्मीद है। तब तक ग्राहकों से धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है।
बैंक को लगातार हो रहा घाटा
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पिछले दो वित्तीय वर्षों से लगातार घाटे में चल रहा था। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में बैंक को 31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह घाटा 23 करोड़ रुपये रहा। बैंक की खराब वित्तीय स्थिति के कारण आरबीआई को हस्तक्षेप करना पड़ा और यह सख्त कदम उठाना पड़ा।
ग्राहकों की मांग: जल्द हो समाधान
ग्राहकों की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि सरकार और आरबीआई जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालें। कई ग्राहक इस फैसले से परेशान हैं और उन्हें अपने आर्थिक संकट से उबरने के लिए तत्काल राहत की आवश्यकता है।
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