RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोलैटरल फ्री कृषि लोन की सीमा को बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये से 2 लाख रुपये कर दिया है। इस कदम से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा, और यह सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक किसान बिना संपत्ति के कृषि लोन प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए स्मॉल फाइनेंस बैंक को यूपीआई के माध्यम से पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनें देने की अनुमति दी है। यह कदम ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे छोटे व्यवसायों और किसानों को आसान तरीके से क्रेडिट मिल सके।
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दो महत्वपूर्ण निर्णयों का ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) बैठक के बाद दो महत्वपूर्ण निर्णयों का ऐलान किया। इन दोनों फैसलों से किसानों और छोटे उद्यमियों को राहत मिलेगी और उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा 2 लाख का लोन
कोलैटरल फ्री कृषि लोन की सीमा को 1.60 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। यह सीमा पहले 2019 में 1.60 लाख रुपये निर्धारित की गई थी, जबकि इससे पहले 2010 में यह सीमा 1 लाख रुपये थी। इस बदलाव का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे बिना संपत्ति गिरवी रखे कृषि लोन प्राप्त कर सकें।
छोटे व्यवसायों तथा किसानों को क्रेडिट
स्मॉल फाइनेंस बैंक को यूपीआई के माध्यम से पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनें देने की अनुमति दी गई है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यवसायों तथा किसानों को आसानी से क्रेडिट उपलब्ध होगा।
पिछले साल यूपीआई के दायरे का किया थ विस्तार
सितंबर 2023 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के दायरे का विस्तार किया था, जिसके तहत पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों को अब यूपीआई के माध्यम से जोड़ा जा सकता है। इससे पहले, केवल कमर्शियल बैंकों को ही यूपीआई के जरिए क्रेडिट लाइन जारी करने की अनुमति थी, जबकि पेमेंट्स बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंकों (एसएफबी) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को इससे बाहर रखा गया था।
कम-अवधि के लोन उपलब्ध
आरबीआई ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यूपीआई पर क्रेडिट लाइन के माध्यम से नए ग्राहकों को कम-टिकट, कम-अवधि के लोन उपलब्ध कराने की क्षमता है। इसके अलावा, एसएफबी जैसे छोटे वित्तीय संस्थान एक उच्च तकनीक, कम लागत वाले मॉडल पर काम करते हैं, जो ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा।
यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे छोटे और सीमांत वर्ग के लोग, जिन तक पारंपरिक बैंकिंग सेवाएं नहीं पहुंच पातीं, अब आसानी से लोन प्राप्त कर सकेंगे।
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