Chhattisgarh: पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित वैधराज हेमचंद्र मांझी ने माओवादियों से मिली जान से मारने की धमकियों के मद्देनजर सरकार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। माओवादियों ने उन पर दक्षिणी छत्तीसगढ़ में स्थित निको माइंस में दलाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। नक्सलियों ने उन पर 11 करोड़ रुपए लेकर उद्योगों की मदद करने का आरोप भी लगाया है। पद्मश्री मांझी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि मैं पद्मश्री सम्मान लौटा दूंगा और अब आगे इलाज भी नहीं कर पाऊंगा।
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पद्मश्री मांझी को मिली Y श्रेणी सुरक्षा
छोटेडोंगर के वैद्यराज पद्मश्री हेमचंद मांझी को नक्सलियों ने एक बार फिर जान से मारने की धमकी दी है। पद्मश्री मांझी ने कहा है कि मैं पद्मश्री सम्मान लौटा दूंगा और अब आगे इलाज भी नहीं कर पाऊंगा क्योंकि नक्सली मुझे लगातार धमकी दे रहे हैं। मेरी बेइज्जती की जा रही है। मांझी की बात को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने पद्मश्री माझी को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी है।
2 मोबाइल टावर जलाकर दी थी जान से मारने की धमकी
धमकियां इस हद तक बढ़ गई हैं कि माओवादियों ने नारायणपुर जिले में दो मोबाइल टावरों में आग लगा दी। यह घटना छोटे डोंगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई। रिपोर्ट के अनुसार, माओवादियों ने आधी रात के आसपास गौरदंड और चमेली गांवों में बीएसएनएल टावरों को निशाना बनाया। बैनर और पोस्टर छोड़ गए, जिसमें मांझी को धमकी दी गई थी। माओवादियों ने यह भी घोषणा की है कि उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाना चाहिए, उनके भतीजे कोमल मांझी के खिलाफ़ अपनी पिछली हिंसा की घटना को याद करते हुए।
बीते छह महीनों से डर के साये में जी रहे हैं मांझी
मांझी पिछले छह महीनों से नारायणपुर में डर के साये में रह रहे हैं। धमकियों के जवाब में पुलिस प्रशासन ने उन्हें जिला मुख्यालय में एक सुरक्षित घर में सुरक्षा प्रदान की है। मांझी ने चल रही धमकियों के कारण मरीजों का इलाज बंद करने की अपनी मंशा भी व्यक्त की है।
मांझी ने आरोपों का किया खंडन
मांझी ने माओवादियों द्वारा लगाए गए आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने मुझ पर पैसे लेने का आरोप लगाया है, लेकिन मैंने एक भी पैसा नहीं लिया है। उन्हें सार्वजनिक सुनवाई के लिए बुलाना चाहिए था और मुझसे आमने-सामने पूछताछ करनी चाहिए थी। भले ही इसका मतलब बाद में मुझे मारना ही क्यों न हो। ये धमकियां उन लोगों का अपमान हैं जो ईमानदारी से अपना जीवन यापन करते हैं। उन्होंने छोटे डोंगर स्थित अपने घर पर उचित सुरक्षा की भी मांग की। राज्य सरकार के संरक्षण समीक्षा समूह के निर्णय के बाद गृह मंत्रालय ने पद्मश्री मांझी को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का आदेश जारी किया है।
जड़ी-बूटियों से करते है कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज
आपको बता दें कि नारायणपुर जिले के निवासी हेमचंद्र मांझी जंगली जड़ी-बूटियों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के पारंपरिक उपचार के लिए जाने जाते हैं। पिछले पांच दशकों में उन्होंने औषधीय पौधों की खोज और अनुप्रयोग के लिए अपना जीवन समर्पित करते हुए हजारों रोगियों का इलाज किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री पुरस्कार से किया था सम्मानित
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण की प्रशंसा की थी।