Nitish Cabinet: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को नवगठित मंत्रिमंडल के बीच विभागों का वितरण कर दिया। विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत स्थिति के दम पर बीजेपी को सबसे अधिक 14 विभाग सौंपे गए, जिसमें संवेदनशील गृह विभाग उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास गया। जेडीयू को 8 विभाग मिले, जबकि सहयोगी दलों को भी रणनीतिक जिम्मेदारियां दी गईं। यह वितरण एनडीए की आठवीं सरकार को पूर्ण रूप से सक्रिय करने का महत्वपूर्ण कदम है, जो चुनावी सफलता के बाद गठबंधन संतुलन को दर्शाता है।
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Nitish Cabinet: चुनाव परिणाम और सरकार गठन का पृष्ठभूमि
पिछले महीने 14 नवंबर को हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया। बीजेपी 243 सदस्यीय सदन में 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि जेडीयू को 85 सीटें मिलीं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को 1, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 1 तथा अन्य सहयोगियों को सीमित सफलता हाथ लगी। विपक्षी महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। 20 नवंबर को नीतीश कुमार ने पांचवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसमें बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री बने। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब विभाग वितरण से सरकार की कार्यप्रणाली स्पष्ट हो गई है।
Nitish Cabinet: बीजेपी को प्रमुख विभाग, गृह सम्राट चौधरी के पास
विभाग बंटवारे में बीजेपी को अप्रत्याशित लाभ हुआ। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गृह विभाग सौंपा गया, जो अब तक नीतीश कुमार के पास ही रहा करता था। यह पहला अवसर है जब यह महत्वपूर्ण विभाग बीजेपी के हवाले हुआ है, जिससे कानून-व्यवस्था पर गठबंधन के बड़े साथी का सीधा नियंत्रण हो गया। अन्य बीजेपी मंत्रियों को भी अहम जिम्मेदारियां मिलीं।
- विजय कुमार सिन्हा को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग तथा खान एवं भू-तत्व विभाग
- मंगल पांडेय को स्वास्थ्य विभाग तथा विधि एवं न्याय विभाग
- दिलीप जायसवाल को उद्योग विभाग
- नितिन नवीन को लोक निर्माण विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग
- रामकृपाल यादव को कृषि विभाग
- संजय टाइगर को श्रम संसाधन विभाग
- अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन विभाग तथा कला-संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग
- सुरेंद्र मेहता को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
- नारायण प्रसाद को आपदा प्रबंधन विभाग
- रमा निषाद को पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
- लखेंद्र पासवान को अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग
- श्रेयसी सिंह को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा खेल विभाग
- प्रमोद चंद्रवंशी को सहकारिता विभाग तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
- स्वास्थ्य विभाग का बीजेपी को मिलना भी एक बड़ा लाभ है।
Nitish Cabinet: जेडीयू को 8 विभाग, वित्त नीतीश के करीबियों के पास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के 8 मंत्रियों को विकासोन्मुख विभाग सौंपे। खुद नीतीश के पास सामान्य प्रशासन, विपक्षी मामले तथा शेष विभाग रहेंगे।
- विजेंद्र यादव को वित्त विभाग तथा ऊर्जा विभाग
- मदन सहनी को सामाजिक कल्याण विभाग
- अशोक चौधरी को ग्रामीण कार्य विभाग
- ललसी सिंह को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग
- श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास विभाग तथा परिवहन विभाग
- विजय चौधरी को जल संसाधन विभाग तथा भवन निर्माण विभाग
- जमीर उद्दीन हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
- सुनील कुमार को शिक्षा विभाग
- वित्त विभाग का जेडीयू को जाना गठबंधन में संतुलन का संकेत है, जो पहले बीजेपी के पास था।
Nitish Cabinet: सहयोगी दलों को रणनीतिक विभाग
एनडीए के छोटे सहयोगियों को भी महत्वपूर्ण लेकिन सीमित विभाग दिए गए। एलजेपी (आर) के पशुपति कुमार पारस को गन्ना उद्योग विभाग तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, संजय कुमार को गन्ना उद्योग विभाग, HAM के संतोष मांझी को लघु जल संसाधन विभाग, और RLM के दीपक प्रकाश को पंचायती राज विभाग सौंपा गया। ये विभाग क्षेत्रीय मुद्दों पर फोकस करते हैं, जो सहयोगियों की मजबूती को बढ़ाएंगे।
Nitish Cabinet: गठबंधन संतुलन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
विभाग वितरण से बीजेपी की स्थिति मजबूत हुई, जो चुनावी जीत का प्रत्यक्ष परिणाम है। गृह और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख विभाग मिलने से गठबंधन में उसका वर्चस्व स्पष्ट है। जेडीयू के 8 विभाग नीतीश कुमार के प्रभाव को बनाए रखेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बंटवारा एनडीए की एकता को मजबूत करेगा, लेकिन विपक्ष ने इसे ‘बीजेपी का दबदबा’ बताते हुए आलोचना की है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि ‘गठबंधन में असंतुलन बिहार की जनता के हितों को प्रभावित करेगा।’
भविष्य की दिशा और चुनौतियां
यह वितरण बिहार सरकार को नई गति देगा। कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य सुधार, कृषि विकास और कल्याण योजनाओं पर अब तेजी से काम शुरू होगा। लेकिन जातिगत समीकरणों को संभालना और विपक्षी दबाव चुनौतियां रहेंगी। विभागाध्यक्षों की पहली संयुक्त बैठक सोमवार को होगी, जहां प्राथमिकताएं तय की जाएंगी। एनडीए का दावा है कि यह सरकार बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
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