Mokama Murder Case: बिहार के मोकामा में गुरुवार को चुनावी कैंपेन के दौरान हुई हिंसक झड़प में मारे गए दुलारचंद यादव की मौत के रहस्य पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने नया मोड़ ला दिया है। तीन डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि दुलारचंद की मौत गोली लगने से नहीं हुई। उनके पैर के टखने के जोड़ में गोली का निशान तो मिला, लेकिन वह घातक नहीं था। रिपोर्ट में कई अन्य चोटें भी पाई गईं, जो घर्षण या कटाव जैसी लग रही हैं। यह खुलासा पुलिस जांच को नई दिशा दे सकता है, जहां शुरू में गोलीबारी को मौत का कारण माना जा रहा था। घटना के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है, और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
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Mokama Murder Case: पैर में गोली का निशान
दुलारचंद यादव, मोकामा के एक स्थानीय निवासी, गुरुवार को दो गुटों के बीच भड़की झड़प में फंस गए थे। चुनावी माहौल में कैंपेनिंग के दौरान पथराव और हमले की घटना घटी, जिसमें दुलारचंद गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। शुरुआती जांच में उनके शव पर पैर में गोली का निशान दिखा, जिसके आधार पर हत्या का केस दर्ज किया गया। लेकिन पोस्टमार्टम ने इस धारणा को उलट दिया। पोस्टमार्टम से पहले शव का एक्स-रे भी किया गया, जो गोली की पुष्टि तो करता है, लेकिन मौत के कारण के रूप में इसे खारिज कर देता है।
Mokama Murder Case: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
पोस्टमार्टम डॉ. अजय कुमार सहित तीन डॉक्टरों की टीम ने किया। डॉ. अजय कुमार ने बताया, “पैर के टखने के जोड़ के पास गोली लगने का निशान मिला, जो पैर को पार हो गई। ऐसी चोट से मौत संभव नहीं है।” रिपोर्ट में शव पर कई अन्य घाव भी दर्ज किए गए, जो ज्यादातर घर्षण के चिह्न लग रहे हैं। मेडिकल टीम सभी साक्ष्यों को ध्यान में रखकर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रही है, जो शुक्रवार तक उपलब्ध हो जाएगी। एक्स-रे से भी यही पुष्टि हुई कि गोली अकेले घातक नहीं थी। यह खुलासा सवाल उठाता है कि मौत का वास्तविक कारण क्या था- कहीं पथराव या अन्य हमले से आंतरिक चोट तो नहीं?
Mokama Murder Case: पुलिस जांच में नया ट्विस्ट
पुलिस अब अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पटना रूरल एसपी विक्रम सिहाग ने कहा, हाल ही में पथराव और हमले की घटनाओं से जुड़ी तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। जांच में गवाहों के बयान और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पथराव मामले में दो लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज है। दुलारचंद के पोते ने शिकायत में पांच आरोपी बताए, जबकि एक अन्य शिकायत में छह नाम शामिल हैं। घटनास्थल पर फोर्स तैनात है, ताकि तनाव न फैले। शुरूआती जांच गोलीबारी पर केंद्रित थी, लेकिन अब अन्य चोटों पर फोकस बढ़ गया है। पुलिस का मानना है कि यह चुनावी हिंसा का हिस्सा हो सकता है, जो लोकल पॉलिटिक्स से जुड़ी है।
Mokama Murder Case: परिवार का दर्द और इलाके में तनाव
दुलारचंद यादव का परिवार सदमे में है। उनके पोते ने आरोपी बनाए जाने पर इंसाफ की गुहार लगाई है। परिवार वालों का कहना है कि चुनावी कैंपेन में हिस्सा लेने के कारण यह साजिश रची गई। मोकामा जैसे इलाके में, जहां राजनीतिक रंजिश आम है, ऐसी घटनाएं चिंता बढ़ाती हैं। गुरुवार की झड़प के बाद इलाका तनावग्रस्त रहा, और दुकानें जल्दी बंद हो गईं। पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया। स्थानीय लोग चाहते हैं कि जल्दी दोषियों को सजा मिले, वरना हिंसा फैल सकती है।
Mokama Murder Case: घटना का बैकग्राउंड
यह घटना बिहार विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही और संवेदनशील हो गई है। मोकामा में दो गुटों के बीच पुरानी रंजिश थी, जो कैंपेनिंग के दौरान भड़क उठी। पथराव से शुरू हुई हिंसा गोलीबारी तक पहुंच गई, लेकिन पोस्टमार्टम ने सच्चाई उजागर कर दी। पुलिस अब वीडियो फुटेज और फोरेंसिक रिपोर्ट पर जोर दे रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से चुनावी माहौल बिगड़ सकता है। बिहार पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है।
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