Bihar Pacs Member : बिहार के लाखों पैक्स सदस्यों की सदस्यता पर संकट मंडरा रहे हैं। राज्य में बीडीओ, डीसीओ और एआर के जरिए सीधे सदस्य बनने वालों की सदस्यता समाप्त होने वाली है। पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारिता विभाग ने आदेश दिया है कि सहायक निबंधक और जिला सहकारिता पदाधिकारी को सुनवाई कर ऐसे सदस्यों की सदस्यता रद्द होगी। विभाग ऐसे सदस्यों की संख्या का आकलन करने में जुट गया है। सहायक निबंधक और जिला सहकारिता पदाधिकारी के समक्ष सुनवाई में अपना पक्ष सही नहीं रखने पर उनकी सदस्यता जाना तय है।
पैक्स के लाखों सदस्यों की सदस्यता पर संकट
सहकारिता विभाग के आदेश के बाद बिहार सहकारी सोसायटी नियमावली 1959 के नियम 7(4) के तहत सदस्य बने लोगों की सदस्यता प्रभावित होने वाली है। विभाग के अपर सचिव ऋचा कमल ने इस बारे में कहा है कि इस नियम के तहत बनाए गए सदस्यों को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए अविलंब नियमानुसार उनकी सदस्यता समाप्त करने की कार्रवाई के लिए कहा है। इस आदेश के बाद लाखों सदस्यों की सदस्यता प्रभावित होगी।
जानिए पटना हाईकोर्ट का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने सहकारी सोसायटी नियमावली 1959 के नियम 7(4) को अवैधानिक करार दिया था। साल 2021 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इस नियामवली के तहत सदस्य बनाए जाते रहे। इसी मामले में दायर एमजेसी 364/2022 में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अब आदेश दिया है कि इस नियम के तहत प्रदत सदस्यता संबंधित व्यक्तियों से कारण जानते हुए रद्द की जाए।
कैसे बन सकत है पैक्स सदस्य
मौजूदा समय में सदस्य पैक्स के क्षेत्र में रहने वाले 18 वर्ष की उम्र के व्यक्ति को सदस्यता के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होता है। विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। पैक्स अध्यक्ष को पंद्रह दिनों के अंदर आवेदन पर कार्यवाही करनी होती है। आवेदन अस्वीकृत करने पर संबंधित व्यक्ति 60 दिनों के अंदर अपील कर सकता है।
मौजूदा समय में राज्य में 8467 पैक्स
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारिता विभाग ने सहकारी सोसायटी नियमावली 1959 के नियम 7(4) को हटा दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब इस नियमावली के तहत पैक्सों में सदस्य नहीं बनाए जा सकेंगे। मौजूदा समय में राज्य में 8467 पैक्स हैं। विभाग के आदेश का सहकारिता की राजनीति में व्यापक असर होगा। साल 2008 में बिहार सहकारी सोसायटी नियमावली 1959 के नियम 7(4) को लागू होने पर सदस्यों की संख्या 35 लाख थी। आज के समय में सदस्यों की संख्या एक करोड़ 40 लाख से ज्यादा है।