Bihar: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की पहली औपचारिक बैठक गुरुवार को पटना में संपन्न हुई। बैठक में समन्वय समिति के गठन पर तो सर्वसम्मति बन गई, लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। यह मुद्दा बैठक के बाद भी अनुत्तरित रहा, जिससे सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। एनडीए के नेताओं ने इसे महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान और असहमति का संकेत बताया है।
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Bihar: महागठबंधन में रणनीति पर चर्चा, नेतृत्व पर चुप्पी
महागठबंधन के घटक दलों की संयुक्त प्रेस वार्ता में जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सवाल किए, तो किसी भी नेता ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में नेतृत्व को लेकर कोई भ्रम नहीं है, बल्कि असल भ्रम एनडीए में है। उन्होंने कहा, यह सवाल वहां पूछा जाए जहां कन्फ्यूजन है।
Bihar: तेजस्वी बोले- महागठबंधन पूरी तरह एकजुट और सभी मुद्दों पर सहमति बनी
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है और सभी मुद्दों पर सहमति बनी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर निर्णय सही समय पर लिया जाएगा और तब उसे सार्वजनिक किया जाएगा। हालांकि, तेजस्वी यादव के समर्थकों और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पहले ही कई बार तेजस्वी को सीएम पद का दावेदार बताया है।
Bihar: एनडीए नेताओं ने महागठबंधन पर साधा निशाना
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने महागठबंधन की बैठक पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बैठक में न तो कोई नेता चुना गया, न ही राजद विधायक रीतलाल यादव की गिरफ्तारी पर कोई प्रस्ताव पारित हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन में नेतृत्व अधर में है और नैतिकता नदारद है। उनके अनुसार, इस गठबंधन में गांठ ही गांठ है।
भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने भी व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि महागठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर दंगल शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन ‘कॉमेडी सर्कस’ जैसा है, जहां ऊपर से भले ही एकता दिख रही हो, लेकिन अंदरूनी समीकरण अलग हैं।
एनडीए ने जताया आत्मविश्वास
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने महागठबंधन की बैठक को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि एनडीए ही चुनाव में विजयी होगा। उन्होंने कहा, चाहे 2019 का लोकसभा चुनाव हो, 2020 का विधानसभा चुनाव या हाल ही में संपन्न 2024 का लोकसभा चुनाव, हर बार एनडीए ने महागठबंधन को शिकस्त दी है। यह सिलसिला इस बार भी जारी रहेगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी महागठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि एनडीए का मुख्यमंत्री पद का चेहरा नीतीश कुमार हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा, “हम हर जिले में जनता से साफ तौर पर कह रहे हैं कि हमारा नेतृत्व नीतीश कुमार करेंगे। लेकिन महागठबंधन के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि उनका सीएम फेस कौन होगा।”
राजनीतिक विश्लेषण और आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर महागठबंधन में स्पष्टता न होना आने वाले चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। एक तरफ जहां एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व पर एकजुट दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन की रणनीति फिलहाल अस्पष्ट है। हालांकि, यह भी सच है कि महागठबंधन यदि एक साझा रणनीति और एकजुट चेहरा लेकर जनता के बीच उतरता है, तो मुकाबला कांटे का हो सकता है। फिलहाल, महागठबंधन की अगली बैठक और उसमें लिए जाने वाले फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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