Bihar News: बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए कहा है कि “प्रेस”, “पुलिस” और “आर्मी” जैसे शब्दों वाले स्टिकर लगी गाड़ियों की सख्त जांच की जाए। उनका यह कदम राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और असामाजिक तत्वों द्वारा इन शब्दों का गलत इस्तेमाल करने के खिलाफ उठाया गया है।
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आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहे शब्दों के स्टिकर
बिहार पुलिस के प्रमुख विनय कुमार ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि, “ऐसा देखा गया है कि कुछ अपराधी और असामाजिक तत्व इन शब्दों का गलत इस्तेमाल कर गाड़ियों में स्टिकर चिपकाकर अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी वास्तविक पत्रकार या पुलिसकर्मी को परेशान करने की नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य सिर्फ यह है कि इन शब्दों का गलत उपयोग करके कोई अपराधी अपने अपराध को छुपा न सके।
जांच में सतर्कता की आवश्यकता
विनय कुमार ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन गाड़ियों की सूक्ष्मता से जांच करें और विशेष रूप से उन गाड़ियों पर निगरानी रखें, जिन पर “पुलिस”, “प्रेस”, “आर्मी” जैसे शब्द लिखे हुए हों। उनका मानना है कि इस तरह की गाड़ियों का इस्तेमाल कर अपराधी पुलिस से बचने का प्रयास करते हैं और अवैध गतिविधियों में लिप्त रहते हैं।
खुद को एडीएम रैंक का अधिकारी बताकर पुलिस को दिया धोखा
उन्होंने इस मुद्दे पर एक ताजातरीन उदाहरण भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि दरभंगा जिले में एक व्यक्ति ने खुद को एडीएम रैंक का अधिकारी बताकर कई बार पुलिस को धोखा दिया था। इस व्यक्ति ने अपनी गाड़ी पर “पुलिस” और “एडीएम” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस प्रकार की घटनाओं को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को इस पर विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है।
पुलिस को सूक्ष्मता से निगरानी रखने की हिदायत
विनय कुमार ने कहा कि उनका उद्देश्य वास्तविक पुलिसकर्मियों या पत्रकारों को तंग करना नहीं है, बल्कि केवल यह सुनिश्चित करना है कि इन स्टिकरों का गलत इस्तेमाल करके कोई असामाजिक तत्व या अपराधी अपने अवैध कार्यों में संलिप्त न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार इस तरह के मामलों में अपराधी पुलिस को धोखा देकर बिना किसी डर के आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, जिससे समाज और कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा पर जाम की समस्या का समाधान
बिहार पुलिस के प्रमुख ने हाल ही में बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा पर वाहनों के जाम की समस्या पर भी बात की। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में चल रहे शाही स्नान के मद्देनजर प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सीमा पर बड़े वाहनों को प्रवेश करने से रोक दिया था। हालांकि, अब प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया है और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। अब सभी वाहनों को उनके गंतव्य तक जाने की अनुमति दी जाएगी, ताकि यातायात की स्थिति सामान्य हो सके और जाम की समस्या का समाधान किया जा सके।
सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में कदम
इस कदम से बिहार पुलिस की यह कोशिश दिखती है कि राज्य में अपराध की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। बिहार पुलिस का मानना है कि यदि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोग पुलिस और अन्य सरकारी संस्थाओं के नाम का गलत इस्तेमाल करने लगे तो इससे समाज में अराजकता फैलने का खतरा हो सकता है। इसीलिए पुलिस को ऐसे लोगों पर विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है। साथ ही, प्रयागराज के शाही स्नान के दौरान बढ़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा पर जाम की समस्या पर भी ध्यान दिया है, और अब सभी वाहनों को सुचारु रूप से उनके गंतव्य तक जाने की अनुमति दी गई है।
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