Bihar: बिहार में जितिया पर्व के अवसर पर नदी और तालाब में नहाने गए 45 लोगों की मौत हो गई, जिससे इस उत्सव की खुशियां मातम में बदल गईं। औरंगाबाद में डूबने से सबसे ज्यादा 10 मौतें हुईं, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी घटनाएं सामने आईं। जितिया पर्व पर लोग परंपरागत रूप से स्नान करते हैं, लेकिन इस बार कई लोगों की जान गई, जो एक दुखद और चिंताजनक घटना है। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा उपायों को सख्त करने का आश्वासन दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें खोज और राहत कार्य में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ने कहा कि यह दुर्घटना काफी दुःखद है।
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अब तक 45 लोगों की मौत
बिहार के जितिया पर्व के दौरान नदी और तालाब में स्नान के दौरान डूबने से दुखद घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। औरंगाबाद में सबसे ज्यादा 10 मौतें हुई हैं, जबकि छपरा में 5, रोहतास में 4, कैमूर और सीवान में 3-3, मोतिहारी और बेतिया में 2-2, और अन्य जिलों जैसे गोपालगंज, भोजपुर, नालंदा, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, और अरवल में 1-1 लोगों की मौत की खबर है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
बिहार में बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं, जहां नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण उनका रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। लगातार बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है, जिससे नदियों और तालाबों का पानी बढ़ गया है। इस वजह से जितिया पर्व के दौरान स्नान करने गए लोगों के डूबने की घटनाएं बढ़ गईं, जिसके कारण मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और राहत कार्यों को तेजी से किया जा रहा है।
सीएम नीतीश कुमार ने जताया दुख
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जितिया पर्व के दौरान औरंगाबाद में हुए हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुखद बताया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की कि पीड़ित परिवारों को इस कठिन समय में धैर्य और साहस मिले। प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी है, और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।