Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच भागलपुर में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। झारखंड सरकार के मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक संजय प्रसाद यादव के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। फिक्स्ड सर्विलांस टीम (एफएसटी) के दंडाधिकारी ने बरारी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप है कि मंत्री यादव समर्थकों के साथ निजी आवास पर चुनावी रणनीति बना रहे थे।
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Bihar Elections: मुक्तेश्वर कॉलोनी में संदिग्ध बैठक
शिकायत के अनुसार, 20 अक्टूबर को सोमवार दोपहर करीब 3:20 बजे बरारी थानाध्यक्ष ने एफएसटी दंडाधिकारी अमरेश कुमार चौधरी को सूचना दी। मुक्तेश्वर कॉलोनी के एक निजी मकान पर मंत्री संजय प्रसाद यादव, उप-महापौर और उनके कई समर्थक एकत्र थे। दंडाधिकारी चौधरी ने शाम 4 बजे मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की, लेकिन तब तक मंत्री और अन्य नेता वहां से निकल चुके थे।
Bihar Elections: वीडियो और फोटो वायरल
थानाध्यक्ष ने व्हाट्सएप पर एक वीडियो क्लिप भेजी, जिसमें मोहम्मद सलाहुद्दीन नामक व्यक्ति से पूछताछ की गई। सलाहुद्दीन ने कहा कि उन्होंने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई और न ही नामांकन करने वाले हैं। निजी आवास के मालिक जनार्दन प्रसाद यादव ने दंडाधिकारी को बताया कि सभी नेता उनके परिचित हैं और निजी रूप से मिलने आए थे। हालांकि, उपलब्ध फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से साफ है कि मकान के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक जमा थे, साथ ही हथियारों से लैस बॉडीगार्ड भी मौजूद थे।
दंडाधिकारी ने इसे एमसीसी का स्पष्ट उल्लंघन माना। चुनाव घोषणा के बाद राजनीतिक नेताओं को निर्धारित समय के बाहर एकत्र होने की सख्त मनाही है। उन्होंने थानाध्यक्ष को अग्रिम कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की और फोटो-वीडियो सबूत शिकायत के साथ संलग्न किए।
Bihar Elections: संजय प्रसाद यादव का राजनीतिक पृष्ठभूमि
झारखंड के श्रम एवं कौशल विकास मंत्री संजय प्रसाद यादव गोड्डा जिले से आरजेडी के विधायक हैं। वे 2009 और 2019 के झारखंड विधानसभा चुनावों में जीत चुके हैं। बिहार चुनाव 2025 में आरजेडी की सक्रिय भूमिका के बीच यह घटना विपक्षी महागठबंधन के लिए असहज स्थिति पैदा कर रही है। यादव पर यह पहला ऐसा आरोप नहीं है। 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में गोड्डा जिले के पथरगामा थाने में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था। इसमें उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर पार्टी ध्वज लगाने और कार्यालय खोलने का दोषी ठहराया गया था।
दुमका कोर्ट में कई बार पेशी के बाद, जुलाई 2025 में साक्ष्य अभाव के आधार पर वे और तीन अन्य आरोपी बरी हो गए। दुमका की सांसद-विधायक विशेष अदालत के उप-विभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) ने फैसला सुनाया था। यादव ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया था।
Bihar Elections: एमसीसी उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर को तारीखें घोषित करते ही एमसीसी लागू कर दी। इसके तहत राजनीतिक दलों को प्रचार सामग्री हटाने, सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग न करने और अनधिकृत सभाओं से बचने के निर्देश हैं। उल्लंघन पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है, जिसमें जेल की सजा तक हो सकती है।
अब तक कई मामले हो चुके हैं दर्ज
राज्य में अब तक एमसीसी उल्लंघन के कई मामले सामने आ चुके हैं, जैसे तेज प्रताप यादव पर पुलिस वाहन का दुरुपयोग। भागलपुर जैसे संवेदनशील जिले में यह घटना एनडीए और महागठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ा सकती है। आरजेडी ने अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन स्थानीय नेता इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।
24 घंटे का हेल्पलाइन, 824 उड़न दस्ते तैनात
यह मामला बिहार चुनाव की गरमाहट को और बढ़ा रहा है। निर्वाचन आयोग ने शिकायत निगरानी के लिए 24 घंटे का हेल्पलाइन (1950) और सी-विजिल ऐप शुरू किया है। 824 उड़न दस्ते तैनात हैं, जो 100 मिनट में कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। संजय यादव की बरीगी के बावजूद, यह नया आरोप उनकी छवि पर सवाल खड़े कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ऐसे विवाद महागठबंधन की एकजुटता को प्रभावित कर सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच भागलपुर में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। झारखंड सरकार के मंत्री संजय प्रसाद यादव के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
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