Bihar Elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पार्टी के अंदर बगावत करने वाले नेताओं पर सख्ती बरतते हुए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को बिहार राजद ने डेहरी से विधायक फतेह बहादुर सिंह सहित कुल 10 प्रमुख नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। इनमें प्रदेश स्तर के पदाधिकारी, पूर्व विधायक और जिला परिषद सदस्य शामिल हैं। यह कार्रवाई पार्टी की अनुशासनहीनता के खिलाफ एक मजबूत संदेश मानी जा रही है, खासकर जब इंडिया महागठबंधन के तहत राजद चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
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Bihar Elections: निष्कासित नेताओं की सूची और आरोप
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल द्वारा जारी आधिकारिक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ये नेता विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने या दल-विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए। आदेश में कहा गया, बिहार चुनाव 2025 के संदर्भ में राज्य मुख्यालय को प्राप्त अधिकृत सूचना के आधार पर इन नेताओं ने पार्टी के हितों के खिलाफ कार्य किया है।
निष्कासित नेताओं में प्रमुख नाम हैं:
- फतेह बहादुर सिंह: डेहरी से वर्तमान विधायक।
- सतीश कुमार: प्रदेश उपाध्यक्ष, नालंदा।
- मोहम्मद सैयद नौसादुल नवी उर्फ पप्पू खान: बिहार शरीफ से जुड़े नेता।
- मोहम्मद गुलाम जिलानी वारसी: पूर्व विधायक, कांटी।
- मोहम्मद रियाजुल हक राजू: पूर्व विधायक, गोपालगंज।
- अमोद कुमार मंडल: प्रदेश महासचिव।
- वीरेंद्र कुमार शर्मा: क्रियाशील सदस्य, सिंहेश्वर।
- प्रणव प्रकाश: क्रियाशील सदस्य।
- जिप्सा आनंद: प्रदेश महासचिव (महिला प्रकोष्ठ) सह जिला परिषद सदस्य, भोजपुर।
- राजीव रंजन उर्फ पिंकू: राजद नेता एवं क्रियाशील सदस्य, भोजपुर।
ये नेता विभिन्न जिलों जैसे रोहतास, नालंदा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मधुबनी और भोजपुर से ताल्लुक रखते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इनमें से कई ने स्थानीय स्तर पर टिकट वितरण से असंतुष्ट होकर बगावत का रास्ता अपनाया और निर्दलीय उम्मीदवारी की तैयारी शुरू कर दी थी।
Bihar Elections: 27 नेताओं को भी किया था निष्कासित
यह पहली बार नहीं है जब राजद ने असंतुष्टों पर गाज गिराई हो। इससे ठीक दो दिन पहले, सोमवार को पार्टी ने प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष रितु जायसवाल सहित 27 नेताओं को इसी तरह के आरोपों में निष्कासित किया था। उनमें भी कई वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक शामिल थे। कुल मिलाकर, पिछले तीन दिनों में राजद ने 37 से अधिक नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है। यह सिलसिला पार्टी के अंदर बढ़ती गुटबाजी और टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष को दर्शाता है।
Bihar Elections: इंडिया महागठबंधन की पृष्ठभूमि
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद इंडिया महागठबंधन का प्रमुख घटक है। गठबंधन में कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और वाम दल (सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई-एमएल) शामिल हैं। राजद के सूत्र बताते हैं कि अधिकृत उम्मीदवारों की सूची जल्द जारी की जाएगी, लेकिन टिकट वितरण में देरी और स्थानीय स्तर पर दावेदारों की अधिकता ने बगावत को जन्म दिया। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि ऐसे तत्व गठबंधन की एकजुटता को कमजोर कर रहे हैं, जो एनडीए के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश करने की रणनीति का हिस्सा है।
Bihar Elections: पार्टी की रणनीति और प्रभाव
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने आदेश में जोर देकर कहा कि पार्टी अनुशासन को सबसे ऊपर रखती है। “चुनावी मौसम में दल-विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी,” उन्होंने चेतावनी दी। विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्रवाई लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी को मजबूत करने की कोशिश है। हालांकि, निष्कासित नेता अब निर्दलीय या अन्य दलों के माध्यम से चुनाव लड़ सकते हैं, जो राजद के लिए स्थानीय स्तर पर नुकसानदेह साबित हो सकता है।
डेहरी विधायक फतेह बहादुर सिंह जैसे प्रभावशाली चेहरों का बाहर जाना रोहतास जिले में पार्टी की स्थिति को प्रभावित करेगा। इसी तरह, पूर्व विधायकों की बगावत गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जैसे क्षेत्रों में गठबंधन की सीटों पर असर डालेगी।
Bihar Elections: सामने होगी ये चुनौतियां
राजद अब उम्मीदवारों की अंतिम सूची पर फोकस कर रही है। गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। कांग्रेस और वाम दलों के साथ समन्वय बनाए रखना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। वहीं, निष्कासित नेता अगर एनडीए या अन्य छोटे दलों में शामिल होते हैं, तो मुकाबला और रोचक हो जाएगा।
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