Bihar Crime: बिहार के गया जिले में एक सनसनीखेज वारदात में जदयू नेता और पंचायत उपमुखिया महेश मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना बेलागंज थाना क्षेत्र के चूड़िहारा गांव में हुई, जहां हमलावरों ने उन्हें नजदीक से गोली मार दी। वारदात के तुरंत बाद पुलिस ने जांच शुरू की और महज कुछ ही घंटों में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जदयू नेता महेश मिश्रा की हत्या ने बिहार की राजनीति और कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन जांच अभी जारी है। इस मामले में चुनावी रंजिश और आपसी दुश्मनी की जो बातें सामने आ रही हैं, वे बताती हैं कि बिहार में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता कितनी खतरनाक होती जा रही है।
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हत्या के पीछे आपसी रंजिश और चुनावी विवाद की आशंका
पुलिस उपाधीक्षक (विधि-व्यवस्था) रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि हत्या के मामले में तीन आरोपियों—कामता मिश्रा, सुधीर मिश्रा और रणधीर मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों आरोपी चूड़िहारा गांव के ही निवासी हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मृतक महेश मिश्रा के साथ आरोपियों की पुरानी रंजिश चल रही थी। बुधवार को किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और इसी दौरान हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस हत्या के पीछे चुनावी रंजिश भी एक कारण हो सकता है। महेश मिश्रा जदयू के सक्रिय नेता थे और पंचायत उपमुखिया के पद पर भी थे। क्षेत्र में उनका अच्छा प्रभाव था, जिससे कुछ लोग असहज महसूस कर रहे थे। पुलिस फिलहाल सभी संभावित एंगल से मामले की जांच कर रही है।
घटनास्थल पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम की जांच
हत्या की खबर मिलते ही बेलागंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर दी। जांच के लिए फॉरेंसिक टीम और तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया गया। पुलिस ने घटनास्थल से अहम सुराग जुटाए हैं और आरोपियों के पास से हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद करने का प्रयास कर रही है। हत्या के बाद गांव में तनाव का माहौल है। लोग दहशत में हैं और भारी संख्या में पुलिस बल को इलाके में तैनात किया गया है। पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
परिजनों में आक्रोश, न्याय की मांग
महेश मिश्रा के परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके परिजनों ने इस हत्या को राजनीतिक साजिश करार दिया है और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महेश मिश्रा इलाके में काफी लोकप्रिय थे और आम जनता की समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करते थे। परिजनों का आरोप है कि हमलावरों ने सोची-समझी साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया है। उनका कहना है कि महेश मिश्रा को पहले भी धमकियां मिली थीं, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
जांच जारी, अन्य संभावित आरोपियों की तलाश
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। पुलिस उपाधीक्षक रवि प्रकाश सिंह के नेतृत्व में टीम ने जांच शुरू कर दी है और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उनके बयान के आधार पर अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। पुलिस जल्द ही इस हत्याकांड से जुड़े अन्य राजफाश करने की बात कह रही है।
बिहार में बढ़ते अपराध और राजनीतिक हत्याएं
गया में हुई इस हत्या ने एक बार फिर बिहार में बढ़ते अपराध और राजनीतिक हत्याओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ वर्षों में बिहार में नेताओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायत और प्रखंड स्तर पर होने वाले राजनीतिक संघर्ष अक्सर आपसी दुश्मनी में बदल जाते हैं और कई बार यह दुश्मनी खूनी खेल का रूप ले लेती है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जुड़े विवादों को समय रहते हल करे, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री और जदयू नेताओं की प्रतिक्रिया
महेश मिश्रा की हत्या पर जदयू नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया और सरकार से दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
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