Vastu tips for food: हिंदू धर्म में अन्न को भी देवताओं के सामान आदरणीय माना गया है| साथ ही वास्तु शास्त्र में भी खाना बनाते और खाते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है| वास्तु शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति अपने घर में भोजन को सम्मान के साथ पकाता और खाता है, उसे अपने जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। माँ अन्नपूर्णा की कृपा हमेशा उस घर पर बरसती रहती है और व्यक्ति के अन्न का भंडार कभी खली नहीं रहता है।
परन्तु आज की बदलती जीवन शैली के कारण हमारे दिनचर्या में भोजन को लेकर कई आदतों में बदलाव आ गया है| यह बुरी आदतें नेगेटिविटी को जन्म देती है और साथ ही व्यक्ति को वास्तु दोष भी लगता है| इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को जीवनभर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र में भोजन को बनाने से लेकर ग्रहण करने तक के कुछ नियमों के बारे में बताते है।
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भोजन पकाने के आवश्यक नियम:
वास्तु शास्त्र में भोजन बनाने के कुछ नियम बताए गए हैं। इसके अनुसार भोजन बनाने से पहले व्यक्ति का तन एवं मन दोनों पवित्र होना चाहिए। कहा जाता है कि बिना नहा धोकर भोजन बनाने से रात भर की नेगेटिव एनर्जी भी भोजन में चली जाती है। ऐसे भोजन को ग्रहण करने से व्यक्ति के आस-पास नेगेटिविटी पैदा होती है।
इसलिए सुबह हमेशा भोजन बनाने से पहले अच्छे से स्नान करना बेहद जरूरी माना गया है। साथ ही भोजन बनाने का स्थान भी स्वच्छ होना चाहिए और हमेशा मन में उमंग और प्रसन्नता के साथ भोजन बनाना चाहिए।
खाना खाने से पहले इन मंत्रों को पढ़े:
हिंदू धर्म में अन्न को भी देवता का दर्जा दिया गया है| इसलिए शास्त्रों के अनुसार हमेशा भोजन ग्रहण करने से पहले अन्न देवता को धन्यवाद देना चाहिए। कहा जाता है कि भोजन से पहले भोजन मंत्र का पाठ करने से अन्न देवता प्रसन्न होते हैं। जिससे घर में कभी धन-धान्य की कमी है होती है|
हिन्दू धर्म में भोजन करने से पहले इस मंत्र “ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ।। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।।”को जाप करने की सलाह दी गयी है |
कैसे करें भोजन:
हिंदू मान्यतओं और वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाएं हाथ से भोजन करने को बड़ा दोष माना गया है। कहा जाता है कि बाएं हाथ से भोजन करने से अन्न देवता का अपमान होता है। इसलिए हमेशा दाएं हाथ से ही खाना खाना चाहिए।
किस ओर देखकर खाना खाएं:
वास्तु शास्त्र में हर वस्तु को सही दिशा और स्थान पर रखने के बारे में बताया गया है। उसी प्रकार वास्तु शास्त्र में भोजन ग्रहण करने के सही समय और दिशा के बारे में भी बताया गया है। इसके अनुसार देवी-देवताओं का निवास पूर्व दिशा में होता है इसलिए हमेशा इसी दिशा में मुख करके खाने को शुभ माना गया है| शास्त्र कहता है कि रात का भोजन संध्या से पूर्व कर लेना चाहिए।
बिस्तर पर भोजन कभी ना करे:
वास्तुशास्त्र के अनुसार, बिस्तर पर बैठकर खाना खाना शुभ नहीं माना गया है। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। व्यक्ति को पैसे की कमी होने लगती है| बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है| वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और वास्तु दोष लगता है| ऐसा भी कहा जाता है कि ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा रुष्ट हो जाती है और घर में अशांति पैदा होती है।
ये नियम भी रखें ध्यान में:
इसके अलावा भी वास्तु शास्त्र में भोजन को लेकर कुछ अन्य नियम भी बताए गए हैं| इसके अनुसार रात में भोजन के बाद किचन को ऐसे ही गंदा छोड़ देने से मां अन्न पूर्णा रुष्ट हो सकती हैं| इसलिए हमेशा डिनर के बाद गंदे बर्तन शिंक में नहीं छोड़ने चाहिए उन्हें तुरंत साफ़ कर देना चाहिए|
वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन को हमेशा किसी आसन या मेज पर बैठकर ही ग्रहण करना चाहिए| इसके अलावा उतना ही खाना अपनी प्लेट में लेना चाहिए जितना कि आप खा सकें,कभी भी थाली में अन्न नहीं छोड़ना चाहिए|
अन्न दान:
हिंदू मान्यता के अनुसार अन्न के दान को महादान माना गया है| किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है | कहा जाता है कि दान करने से कभी भी व्यक्ति के घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती है| वास्तु शास्त्र में पशु-पक्षियों के लिए भी प्रतिदिन भोजन देने को शुभ माना गया है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं| Bynewsindia.com इसकी पुष्टि नहीं करता है| किसी भी उपाय को करने से पहले ज्योतिष या एक्सपर्ट की सलाह ले |