FASTag KYC : कुछ दिनों बाद मार्च का महीना खत्म हो जाएगा। इसके साथ वित्त वर्ष 2023-24 भी समाप्त हो रहा है। मार्च में वित्त वर्ष की क्लोजिंग होती है, ऐसे में कई कामों का लेखा-जोखा इसी महीने में पूरा करना होता है। 31 मार्च से पहले आपको फास्टैग केवाईसी, अपडेटेड आईटीआर, टीडीएस फाइलिंग, जीएसटी कंपोजिशन के लिए आवेदन करने जैसे जरूरी काम करना है। अगर समय रहते आप ऐसा नहीं कर पाते है तो आपको बाद में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जीएसटी कंपोजिशन स्कीम
मौजूदा जीएसटी टैक्सपेयर कंपोजिशन स्कीम यानी समाधान योजना के लिए 31 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं। जीएसटी टैक्सपेयर जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए है, वो इसके लिए अप्लाई करने योग्य है। इसके तहत उन्हें सीएमपी-02 फॉर्म भरना होगा। वहीं, कुछ विशिष्ट श्रेणी के तहत इसे 75 लाख रखा गया है। रेस्टोरेंट के लिए यह 1.5 करोड़ रुपए है, वहीं दूसरे सेवा प्रदाताओं के लिए 50 लाख रुपए है।
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फास्टैग केवाईसी
फास्टैग यूजर्स के लिए भी यह महीना बहुत खास है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फास्टैग के केवाईसी अपडेट करने की समय अवधी बढ़ाई थी, जो जल्द खत्म होने जा रही है। इसके लिए पहले आखिरी तारीख 29 फरवरी थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च किया गया है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की वेबसाइट या फिर इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के पोर्टल पर जाकर फास्टैग की केवाईसी के विवरण अपडेट कर सकते हैं।
टीडीएस फाइलिंग
जनवरी 2024 के लिए अलग-अलग धाराओं के तहत ली गई टैक्स छूट के लिए टैक्सपेयर्स को मार्च तक टीडीएस फाइलिंग सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी है। यदि सेक्शन 194-आइएम, 194-आईबी और 194एम के तहत टैक्स की कटौती हुई है तो इसके लिए 30 मार्च के पहले चालान स्टेटमेंट पेश करना होगा। अगर ऐसा नहीं करते है तो बाद में नुकसान हो सकता है।
टैक्स बचाने के लिए निवेश
अगले महीने यानी अप्रैल से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना शुरू होने जा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आप पुरानी टैक्स योजना में रिटर्न दाखिल कर रहे हैं तो आप अपने निवेश पर टैक्स छूट का भी दावा कर सकते हैं। अगर आपने पहले टैक्स बचत वाले निवेश विकल्पों में इन्वेस्ट नहीं किया है तो 31 मार्च से पहले इनमें निवेश कर इनकम टैक्स बचा सकते हैं।
न्यूनतम निवेश की शर्त
यदि आपने सार्वजनिक भविष्य निधि और सुकन्या समृद्धि सहित ऐसी ही दूसरी सरकार समर्थित योजनाओं में निवेश कर रखा है तो आपके लिए उस खाते में हर वित्त वर्ष में एक न्यूनतम राशि जमा करनी होगी। पीपीएफ में एक साल में न्यूनतम 500 रुपये और सुकन्या समृद्धि योजना में 250 रुपये तक का निवेश करना जरूरी है। यदि कोई ऐसा नहीं करते हैं तो खाता डिफॉल्ट घोषित किया जा सकता है।