Parikrama importance: हिंदू धर्म में पूजा के कई नियम बताए गए हैं। हिंदू धर्म में लोग मंदिर जाते हैं और पूजा करते हैं। आपने नोट किया होगा कि कई लोग जब मंदिर में जाते हैं, तो वे उस मंदिर की परिक्रमा करते हैं। कई लोग मंदिर में विराजमान मूर्तियों की भी परिक्रमा करते हैं।
बता दें कि मंदिर और मूर्ति की परिक्रमा करना हिन्दू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। इसके कारण भी बताए गए हैं कि परिक्रमा क्यों की जाती है। दरअसल, हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि मंदिर की परिक्रमा करने से मन शुद्ध होता है और सकारात्मक प्रवृति का होता है।
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पौराणिक कथा में भी बताया गया महत्व:
नातन धर्म की पौराणिक कथाओं में भी परिक्रमा का महत्व बताया गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, “एक बार सभी देवताओं और भगवान में खुद को सबसे महान बताने की होड़ लगी थी। इसमें तय हुआ कि जो देवता सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके वापस आएगा, उसे विजेता घोषित माना जाएगा।
सभी देवता अपने—अपने वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी की परिक्रमा पर निकल पड़े। वहीं गणेश भगवान अपनी सवारी चूहे पर सवार हुए और माता—पिता यानी भगवान शिव और माता पार्वती की परिक्रमा करने लगे। गणेश जी की बुद्धिमत्ता को देखते हुए उन्हें ही उस प्रतियोगिता का विजयी माना गया। तब से ऐसी मान्यता है कि भगवान की परिक्रमा करने से अच्छे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे लोगों को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
परिक्रमा करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान:
हालांकि परिक्रमा करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। हिंदू धर्म में इसके कुछ नियम बताए गए हैं। इस बात का ख्याल रखें कि आप जहां परिक्रमा कर रहे हैं, वहां मूर्ति के दाएं ओर से परिक्रमा शुरू करें। इसके साथ ही परिक्रमा करते समय भगवान के जयकारे लगाएं। वहीं यह भी ध्यान रखें कि कम से कम 8 बार परिक्रमा लगाएं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मन शांत होता है।
यह है वैज्ञानिक कारण:
मंदिरों की परिक्रमा लगाने का वैज्ञानिक कारण भी बताया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस मंदिर में रोजाना पूजा-अर्चना होती है, वहां का माहौल शांत और सकारात्मक बना रहता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति उस मंदिर की मूर्ति की परिक्रमा करता है, तो वह पॉजीटिव उर्जा के संपर्क में आता है। इससे व्यक्ति को सूकून मिलता है।