Pradosh Vrat 2024: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माना गया है। इस साल का दूसरा प्रदोष व्रत 23 जनवरी, 2024 को मंगलवार के दिन पड़ रहा है। मंगलवार के दिन यह प्रदोष व्रत पड़ने से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन भक्तों को भगवान शंकर के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि जो व्यक्ति भक्ति और विधिपूर्वक यह व्रत करता है उसके जीवन के दोषों और बाधाओं का नाश होता है। इसके अलावा प्रदोष व्रत में पूजा के बाद इसकी कथा पढ़ने या सुनने का भी बड़ा महत्व है। प्रदोष व्रत में संध्या के समय पूजा का विधान है। इसे प्रदोष काल कहते हैं। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और किन बातें का ख्याल रखना जरूरी है…
प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त:
23 जनवरी को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त यानि प्रदोष काल शाम 5 बजकर 52 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 33 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत में कैसे करें पूजा-
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर के काम और स्नान आदि कर लें।
इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
घर के मंदिर में साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़क दें।
भगवान शिव का स्मरण करते हुए मन में व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव, माता पार्वती के साथ गणेश जी और हनुमान जी कि भी पूजा करें।
शिवलिंग पर जल, पंचामृत, बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं।
माता पार्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी को भी कुमकुम, चावल, पुष्प, फल समर्पित करें।
इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और धूप-दीप से आरती करें।
प्रदोष व्रत के नियम-
भगवान शिव को तुलसी के पत्ते, नारियल और कुमकुम अर्पित ना करें।
प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
किसी के प्रति मन में घृणा या बुरी भावना ना लाएं।
काले रंग के वस्त्र ना पहनें।