Women Night Shift: मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मॉल, बाजारों और कारखानों में रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश फैक्ट्री (संशोधन) अधिनियम 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 14 नवंबर 2025 से लागू कर दिया। इस अधिसूचना के तहत महिलाओं को रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक मॉल और बाजारों में तथा शाम 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कारखानों में काम करने की छूट मिलेगी। ओवरटाइम पर दोगुनी सैलरी का प्रावधान महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से सशक्त बनाने वाला है। यह फैसला न केवल महिलाओं की कार्यबल भागीदारी बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की आर्थिक वृद्धि को भी गति देगा।
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Women Night Shift: महिलाओं की रात्रिकालीन ड्यूटी पर पुरानी पाबंदी हटी
दशकों से महिलाओं को रात्रिकालीन कार्य से वंचित रखने वाली पुरानी व्यवस्था को तोड़ते हुए यह संशोधन लाया गया। श्रम विभाग के अनुसार, औद्योगिक विकास के दौर में महिलाओं की भागीदारी सीमित रहने से आर्थिक नुकसान हो रहा था। केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने भी हालिया दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनके अनुरूप एमपी ने यह कदम उठाया। अधिनियम के तहत महिलाओं की लिखित सहमति अनिवार्य होगी, और रात्रि शिफ्ट में कम से कम 10 महिलाओं की तैनाती जरूरी है। कारखानों में एक-तिहाई महिला कर्मचारियों को शिफ्ट सुपरवाइजर या फोरमैन के रूप में नियुक्त किया जाना होगा, जो महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका देगा।
Women Night Shift: महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का प्रयास
श्रम मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, ‘यह महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का प्रयास है। रात्रि शिफ्ट से उनकी आय दोगुनी हो सकेगी, और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि ओवरटाइम के लिए सामान्य वेतन का दोगुना भुगतान किया जाएगा, जो सामान्य श्रमिकों के लिए भी लागू होगा, लेकिन महिलाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन के रूप में।
Women Night Shift: सुरक्षा और सुविधाओं पर जोर, क्या हैं शर्तें?
सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सख्त शर्तें लगाई हैं। प्रवेश-निकास द्वारों पर महिला सिक्योरिटी गार्ड तैनात होंगी। कार्यस्थल पर शौचालय, पानी, भोजन और विश्राम कक्ष की व्यवस्था अनिवार्य होगी। यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम (POSH) का पालन करना होगा, और मातृत्व अवकाश पर कोई कटौती नहीं। इसके अलावा, सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था नियोक्ता को करनी होगी, ताकि महिलाओं को रात्रि में आने-जाने में कोई असुविधा न हो। श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘ये प्रावधान महिलाओं के हितों की रक्षा करेंगे। उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।’
Women Night Shift: अब MP में नाइट शिफ्ट कर सकेंगी महिलाएं
यह नीति विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे औद्योगिक शहरों में प्रभावी होगी, जहां मॉल और फैक्ट्री अधिक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे महिलाओं की बेरोजगारी दर, जो वर्तमान में 15% के आसपास है, कम हो सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, एमपी में महिला श्रम भागीदारी दर 2024 में मात्र 28% थी, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। इस संशोधन से यह आंकड़ा 35% तक पहुंच सकता है।
महिलाओं के संगठनों की प्रतिक्रिया: स्वागत लेकिन सतर्कता
महिला संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन विमेन (एनएफआईडब्ल्यू) की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘यह सकारात्मक कदम है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यान्वयन चुनौतीपूर्ण होगा। दोगुनी सैलरी से महिलाएं सशक्त होंगी, लेकिन परिवहन और सिक्योरिटी की निगरानी जरूरी।’ ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) ने मांग की है कि शिफ्ट के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं भी जोड़ी जाएं। विपक्षी दलों ने भी सराहना की, लेकिन कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘भाजपा का वादा अच्छा है, लेकिन पिछले सालों में महिलाओं की सुरक्षा पर विफल रही।’
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