Bihar Elections: जिस दिन बिहार ने एनडीए को प्रचंड बहुमत देकर इतिहास रचा, उसी दिन तरारी विधानसभा क्षेत्र ने एक ऐसी खबर सुनी जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार और समाजसेवी-शिक्षक चंद्रशेखर सिंह (62) का शुक्रवार शाम दिल का दूसरा भयानक दौरा पड़ने से निधन हो गया। चुनाव प्रचार के दौरान 31 अक्टूबर को उन्हें पहला अटैक आया था, तब डॉक्टरों ने बचा लिया था, लेकिन रिजल्ट वाले दिन दूसरा अटैक जानलेवा साबित हुआ।
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Bihar Elections: रिजल्ट से कुछ घंटे पहले अलविदा कह गए चंद्रशेखर
शुक्रवार दोपहर तक पटना के एक निजी अस्पताल में उनकी हालत स्थिर बताई जा रही थी। परिजन और जन सुराज के कार्यकर्ता टीवी पर वोटों की गिनती देख रहे थे, तभी अचानक हालत बिगड़ी। शाम 5:45 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मसौरही स्थित पैतृक गांव पहुंचने से पहले ही मृत घोषित कर दिया। खबर जैसे ही तरारी, मसौरही, पिपरहट्टा और आसपास के गांवों में पहुंची, चुनावी शोर की जगह सन्नाटा पसर गया।
Bihar Elections: शिक्षक से नेता बने चंद्रशेखर: सादगी और संघर्ष की मिसाल
चंद्रशेखर सिंह मूल रूप से सेवानिवृत्त माध्यमिक शिक्षक थे। भोजपुर जिले के ब्रह्मर्षि समाज के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार राज्य शिक्षक संघ के सक्रिय सदस्य रहे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने दशकों तक बच्चों को पढ़ाया और सामाजिक कार्य किए। जन सुराज पार्टी बनने के बाद प्रशांत किशोर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने तरारी क्षेत्र में संगठन खड़ा किया। गांव-गांव पैदल घूमकर लोगों से जुड़ने वाले चंद्रशेखर की छवि “शांत लेकिन जुझारू” नेता की थी।
Bihar Elections: तरारी रिजल्ट, BJP की विशाल प्रशांत को 96,887 वोट
चुनाव परिणाम में तरारी सीट पर बीजेपी के विशाल प्रशांत ने भारी अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 96,887 वोट मिले। दूसरे नंबर पर CPI(ML) के मदन सिंह 85,423 वोट लेकर रहे। जन सुराज पार्टी के चंद्रशेखर सिंह को 2,271 वोट मिले और वे चौथे स्थान पर रहे। हालांकि वोट कम थे, लेकिन कार्यकर्ता मानते हैं कि चंद्रशेखर की मेहनत ने पार्टी को कई गांवों में पहचान दिलाई।
Bihar Elections: जन सुराज के लिए बड़ा झटका, प्रशांत किशोर ने दी भावुक श्रद्धांजलि
चंद्रशेखर सिंह की मौत को जन सुराज के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक दोनों स्तर पर गहरा आघात माना जा रहा है। पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, “चंद्रशेखर जी हमारे शुरुआती साथी थे। शिक्षक होने के साथ-साथ वे एक संवेदनशील इंसान थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं होगी। बिहार की नई राजनीति को खड़ा करने में उनका योगदान हमेशा याद रहेगा।” पार्टी ने तरारी में सभी विजय जुलूस रद्द कर दिए।
अंतिम संस्कार शनिवार को मसौरही में, हजारों की भीड़ उमड़ी
शनिवार सुबह मसौरही गांव में चंद्रशेखर सिंह का अंतिम संस्कार हुआ। जन सुराज के सैकड़ों कार्यकर्ता, पूर्व छात्र, शिक्षक संघ के पदाधिकारी और स्थानीय लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे। तरारी क्षेत्र में शोक की लहर है। लोग कह रहे हैं, चुनाव तो आते-जाते रहते हैं, लेकिन चंद्रशेखर जैसे लोग दुबारा नहीं मिलते।
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