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Tuesday, October 14, 2025
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भीलवाड़ा में मासूम से दुष्कर्म: आरोपी को 20 साल की सजा, 1.21 लाख जुर्माना; चाउमीन-चॉकलेट के लालच में फंसाया

Bhilwara rape: भीलवाड़ा की पोक्सो कोर्ट संख्या-1 ने एक सनसनीखेज मामले में आरोपी आवेश सिलावट को दोषी ठहराया है। मानसिक रूप से कमजोर बच्ची के साथ दुष्कर्म के लिए आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

Bhilwara rape: बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर सख्ती दिखाते हुए भीलवाड़ा की पोक्सो कोर्ट संख्या-1 ने एक सनसनीखेज मामले में आरोपी आवेश सिलावट को दोषी ठहराया है। विशिष्ट न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने 11 साल की मानसिक रूप से कमजोर बच्ची के साथ दुष्कर्म के लिए आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 1.21 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। ट्रायल पूरा होने के बाद यह फैसला समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक मजबूत संदेश देता है। अभियोजन पक्ष ने मजबूत सबूतों से आरोपी की साजिश को उजागर किया, जो चाउमीन और चॉकलेट के बहाने रची गई थी।

Bhilwara rape: मौसी की रिपोर्ट: डरी-सहमी बच्ची ने खोला राज

विशिष्ट लोक अभियोजक धर्मवीरसिंह कानावत के अनुसार, घटना 4 दिसंबर 2024 की है। पीड़िता की मौसी ने 7 दिसंबर को भीमगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता की मां छह माह से बच्चों सहित मौसी के पास रह रही थी। 11 साल की भांजी मानसिक रूप से कमजोर है और तीन-चार दिन से लगातार डरी-सहमी रहने लगी थी।

विश्वास में लेकर पूछताछ करने पर बच्ची ने खुलासा किया कि एक लड़के ने उसके साथ गंदा काम किया। उसने विस्तार से बताया कि स्कूल से लौटने के बाद दोपहर में घर के बाहर खड़ी थी, तभी आरोपी ने इशारा कर बुलाया और नाम पूछा। खुद को आवेश सिलावट बताते हुए उसने चाउमीन खिलाने के बहाने बच्ची को पास के पार्क में ले गया। वहां छेड़छाड़ की और फिर चॉकलेट का लालच देकर अश्लील हरकतें कीं। आरोपी ने बच्ची की कमजोरी का फायदा उठाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। मौसी ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज चेक किए, जहां आरोपी की हरकतें कैद हो गईं। यह फुटेज जांच में निर्णायक साबित हुई।

Bhilwara rape: पुलिस की त्वरित कार्रवाई: गिरफ्तारी और चार्जशीट

रिपोर्ट मिलते ही भीमगंज पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपी आवेश सिलावट को जल्द गिरफ्तार कर लिया गया। अनुसंधान में अपहरण, बलात्कार और पोक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी गईं। पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। आरोपी के मोबाइल रिकॉर्ड्स, गवाहों के बयान और फॉरेंसिक सबूत जुटाए गए।

अनुसंधान पूरा होने पर न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। आरोपी को जेल भेजा गया, जहां से ट्रायल के दौरान वह पेश होता रहा। पुलिस की तेज जांच से मामला जल्द कोर्ट पहुंचा, जो पोक्सो मामलों में एक उदाहरण है। अभियोजक कानावत ने कहा, “आरोपी ने बच्ची की मानसिक स्थिति का फायदा उठाया, लेकिन सबूतों ने उसे बेनकाब कर दिया।”

Bhilwara rape: 12 गवाह और 23 दस्तावेजों से साबित हुई साजिश

ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी की। कानावत ने 12 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जिनमें पीड़िता की मौसी, मेडिकल विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी और सीसीटीवी एनालिस्ट शामिल थे। साथ ही 23 दस्तावेज पेश किए, जैसे मेडिकल रिपोर्ट, फुटेज, फॉरेंसिक रिपोर्ट और बच्ची का संरक्षित बयान।

बच्ची के बयान को विशेष कक्ष में रिकॉर्ड किया गया, ताकि वह दोबारा ट्रॉमा न झेले। आरोपी की ओर से बचाव कमजोर रहा। न्यायाधीश मिश्र ने सबूतों की गहन पड़ताल की और पाया कि आरोपी ने सुनियोजित तरीके से बच्ची को फंसाया। पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत सजा तय की गई, जो गंभीर मामलों में न्यूनतम 20 साल की है।

Bhilwara rape: जुर्माना और पीड़िता को मुआवजा

कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जिसमें कोई छूट नहीं दी गई। 1.21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें से 1 लाख रुपये पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। जुर्माना नहीं चुकाने पर अतिरिक्त 6 माह की सजा का प्रावधान है। यह फैसला पोक्सो एक्ट के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है। अभियोजक ने कहा, यह सजा अपराधियों को चेतावनी है कि मासूमों से छेड़छाड़ महंगी पड़ेगी।

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