Trump Tariffs: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध एक बार फिर भड़क गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चाइनीज सामानों पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू होगा। यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ मिट्टी (रेर अर्थ) खनिजों के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लगाने के जवाब में उठाया गया है। ट्रंप ने इसे ‘नैतिक अपमान’ करार देते हुए कहा कि चीन का यह फैसला पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा और यह उसकी वैश्विक व्यापार पर कब्जे की लंबी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका अन्य देशों की परवाह किए बिना एकतरफा कार्रवाई करेगा।
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Trump Tariffs: ट्रंप का बयान, ‘चीन की रणनीति को बर्दाश्त नहीं
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “चीन दुर्लभ मिट्टी खनिजों पर नियंत्रण लगाकर अमेरिकी उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।” दुर्लभ मिट्टी जैसे लिथियम, कोबाल्ट और नियोडिमियम इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा उपकरण और रिन्यूएबल एनर्जी के लिए महत्वपूर्ण हैं। चीन इनका 80 प्रतिशत से अधिक वैश्विक उत्पादन नियंत्रित करता है। ट्रंप का यह ऐलान मौजूदा टैरिफ से अलग और अतिरिक्त है, जो व्यापार घाटे को कम करने और अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देने का दावा करता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी और वैश्विक सप्लाई चेन बाधित होगी।
Trump Tariffs: व्यापार युद्ध का संदर्भ: सितंबर से तनाव
यह घटनाक्रम सितंबर 2025 से तेज हुए यूएस-चाइना तनाव का हिस्सा है। चीन ने रेर अर्थ निर्यात पर नियंत्रण लगाकर कहा कि यह वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन की सुरक्षा के लिए जरूरी है। लेकिन अमेरिका इसे चीन की आर्थिक दबंगई मानता है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका के ये कदम चीन के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ताओं का माहौल खराब कर रहे हैं। मंत्रालय ने ट्रंप प्रशासन से अपील की कि उच्च टैरिफ की धमकियां बंद करें। इसके अलावा, अमेरिका ने चेतावनी दी है कि अगर स्थिति सुधरी नहीं तो इस महीने ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच निर्धारित बैठक रद्द हो सकती है।
Trump Tariffs:चीन का पहला रिएक्शन, ‘डबल स्टैंडर्ड’ का आरोप
ट्रंप के ऐलान पर चीन का तीखा रिएक्शन आया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन इससे डरते भी नहीं। अमेरिका का यह कदम डबल स्टैंडर्ड का उदाहरण है। मंत्रालय ने अमेरिका पर आर्थिक दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, यदि अमेरिका अपनी गलत नीतियां जारी रखेगा, तो चीन अपने वैध हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा, हम सभी देशों के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने को तैयार हैं। अमेरिका को तुरंत अपनी गलतियां सुधारनी चाहिए। चीन ने अमेरिकी टैरिफ को ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ बताते हुए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत करने का संकेत दिया है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा
यह टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी बोझ डालेगा। अनुमान है कि इससे स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार और सोलर पैनल जैसे उत्पादों की कीमतें 20-30 प्रतिशत बढ़ सकती हैं। भारत जैसे देशों के लिए अवसर है, क्योंकि वे रेर अर्थ उत्पादन बढ़ा सकते हैं। लेकिन वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन में अस्थिरता बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि 2018-19 के व्यापार युद्ध की तरह यह दौर महंगाई और मंदी ला सकता है। ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति चीन को चुनौती दे रही है, लेकिन दोनों देशों के बीच वार्ता की गुंजाइश बनी हुई है।
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