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Tuesday, October 14, 2025
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बीजापुर में बड़ी कामयाबी: 5 लाख के इनामी नक्सली ढेर, भारी हथियार बरामद

Naxalite Encounter: बीजापुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। मुठभेड़ में पांच लाख रुपए के इनामी नक्सली को ढेर कर दिया है और मौके से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।

Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। गुरुवार को गंगालूर थाना क्षेत्र के गमपुर-पुरंगेल के जंगलों में हुई मुठभेड़ में 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली आयतु पोड़ियाम को मार गिराया गया। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और नक्सली साहित्य बरामद किया गया। यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण झटका है। उधर, जिले में ही 103 नक्सलियों का आत्मसमर्पण भी हुआ, जिनमें उच्च पदाधिकारी शामिल हैं। इन घटनाओं से माओवादी संगठन की कमर टूटने के संकेत मिल रहे हैं।

Naxalite Encounter: दो घंटे की गोलीबारी में नक्सली ने लिया दम

सुरक्षा बलों को गुप्त सूचना मिली थी कि गंगालूर एरिया कमेटी के सदस्य जंगल में छिपे हुए हैं। इस पर डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीम ने इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर करीब 11 बजे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मुंहतोड़ कार्रवाई की, जो रुक-रुक कर दो घंटे चली। गोलीबारी के बाद खोजबीन में मारे गए नक्सली का शव बरामद हुआ।

Naxalite Encounter: सरकार ने रखा था 5 लाख का इनाम

मृतक की शिनाख्त गमपुर निवासी आयतु पोड़ियाम (35 वर्ष) के रूप में हुई। वह गंगालूर एरिया कमेटी का एक्टिव कमांडर (एसीएम) था, जो कई हमलों में शामिल रहा। पुलिस ने उसके सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया, विश्वसनीय इनपुट पर अभियान चलाया गया। मुठभेड़ में कोई सुरक्षाकर्मी घायल नहीं हुआ। यह सफलता पूरे बस्तर क्षेत्र के लिए मील का पत्थर है। एसपी ने कहा कि आयतु जैसे कैडर संगठन की रीढ़ थे, जिनकी मौजूदगी से नक्सली गतिविधियां बढ़ रही थीं।

Naxalite Encounter: हथियारों का जखीरा बरामद

मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में घातक सामग्री बरामद की। इसमें एक बीजीएल लॉन्चर, एक सिंगल शॉट बंदूक, तीन बीजीएल सेल, तीन राउंड गोली, वॉकी-टॉकी, टीफिन बम, कार्डेक्स वायर, सेफ्टी फ्यूज, माओवादी वर्दी और अन्य सामग्री शामिल है। ये हथियार नक्सलियों के हमलों के लिए इस्तेमाल होते थे, जो सुरक्षाबलों और ग्रामीणों पर आतंकी फैलाते थे। एसपी यादव ने कहा, ये बरामदगी नक्सलियों की योजनाओं को विफल करने में मददगार साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाइयां नक्सलियों को हथियारों से वंचित कर उनके मनोबल को तोड़ रही हैं।

103 नक्सलियों का सरेंडर: 1.06 करोड़ के इनामी कैडर शामिल

इसी जिले में गुरुवार को एक और बड़ी घटना घटी, जब 103 नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 49 सक्रिय माओवादी शामिल थे, जिन पर कुल 1.06 करोड़ रुपये का इनाम था। सरेंडर करने वालों में डिविजनल कमेटी कमांडर (डीवीसीएम), पार्टी पार्टी कमेटी कमांडर (पीपीसीएम), एसीएम, मिलिशिया कमांडर और जनता सरकार के सदस्य जैसे वरिष्ठ कैडर थे। यह आत्मसमर्पण ‘समर्पण नीति’ और विकास योजनाओं का नतीजा माना जा रहा है।

लंबे समय से थे संगठन में सक्रिय

एसपी ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सली लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे, लेकिन आंतरिक कलह और सुरक्षाबलों के दबाव से तंग आ चुके थे। सरकार की योजना के तहत इन्हें पुनर्वास, प्रशिक्षण और रोजगार दिया जाएगा। एक सरेंडर करने वाले ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, संगठन ने सिर्फ हिंसा सिखाई, लेकिन अब शांति और विकास की राह चुन रहे हैं।

दो वर्षों में 195 नक्सली ढेर: कमजोर हो रहा माओवादी नेटवर्क

पिछले दो वर्षों में बीजापुर और बस्तर क्षेत्र में नक्सल-विरोधी अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है। इस दौरान 924 नक्सली गिरफ्तार, 599 ने आत्मसमर्पण किया और 195 को मुठभेड़ में मार गिराया गया। अधिकारी इसे माओवादी विचारधारा की कमजोरी और सुरक्षाबलों की बढ़ती प्रभावशीलता का प्रमाण मानते हैं। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में 243 नक्सली मारे गए हैं।

मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ सीएम विष्णु देव साय ने इन सफलताओं पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, सुरक्षाबलों का पराक्रम और सरेंडर नीति से बस्तर नक्सल मुक्त होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीणों का सहयोग और इंटेलिजेंस नेटवर्क मजबूत होने से नक्सली गतिविधियां सिमट रही हैं।

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