NCRB Report: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट ने ऑनर किलिंग की घटनाओं को लेकर देशभर में चिंता की लहर दौड़ा दी है। मंगलवार शाम जारी ‘क्राइम इन इंडिया 2023’ रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में 2023 में ऑनर किलिंग के 38 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सर्वाधिक 9 घटनाएं झारखंड में हुईं। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की धीमी गति को भी उजागर करता है। रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 4,48,211 बताई गई, जो 2022 के 4,45,256 मामलों से 0.7% अधिक है। इनमें क्रूरता, अपहरण और यौन उत्पीड़न जैसे अपराध प्रमुख हैं।
हालांकि, ऑनर किलिंग जैसे सामाजिक अपराधों पर अलग से डेटा संकलन से इनकी रिपोर्टिंग में सुधार हुआ है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
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NCRB Report: राज्यवार आंकड़े: हरियाणा-पंजाब-एमपी में भी चिंताजनक स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, खाप पंचायतों और जातिगत रूढ़ियों के लिए चर्चित हरियाणा में 6 मामले दर्ज हुए। पंजाब और मध्य प्रदेश में 5-5 घटनाएं सामने आईं, जबकि उत्तर प्रदेश में 4 और महाराष्ट्र में 3 मामले दर्ज किए गए। बिहार व कर्नाटक में 2-2, तथा छत्तीसगढ़ और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में 1-1 घटना दर्ज हुई। दक्षिणी राज्यों में भी ये मामले बढ़ रहे हैं, जो पहले उत्तर भारत तक सीमित माने जाते थे।
NCRB Report: अपराधों में हुई 7.2% की वृद्धि
एनसीआरबी के अनुसार, कुल अपराधों में 7.2% की वृद्धि हुई, लेकिन हत्या जैसे पारंपरिक अपराधों में 2.8% कमी आई। फिर भी, ऑनर किलिंग जैसी घटनाएं पितृसत्तात्मक मानसिकता का प्रतीक बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कई मामले हत्या के सामान्य श्रेणी में दर्ज हो जाते हैं, जिससे वास्तविक आंकड़े छिप जाते हैं।
NCRB Report: ऑनर किलिंग की परिभाषा: ‘इज्जत’ के नाम पर क्रूर हत्या
ऑनर किलिंग वह अमानवीय कृत्य है, जिसमें परिवार या समाज अपनी कथित ‘इज्जत’ बचाने के नाम पर किसी व्यक्ति—ज्यादातर महिला या युवा जोड़े—की हत्या कर देता है। यह आमतौर पर तब घटित होता है जब कोई युवक-युवती जाति, धर्म, गोत्र या पारिवारिक इच्छा के विरुद्ध प्रेम संबंध बनाते या विवाह करते हैं।
NCRB Report: 2023 में दर्ज हुए 38 मामलें
रिपोर्ट में उल्लेख है कि ये मामले मुख्य रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में होते हैं, जहां सामाजिक दबाव और रूढ़ियां हावी रहती हैं। 2023 में दर्ज 38 मामलों में अधिकांश पीड़ित 18-25 वर्ष के युवा थे, जिन्हें परिजनों ने ही शिकार बनाया। कानूनी रूप से ये आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दर्ज होते हैं, लेकिन विशेष कानून की कमी से दोषसिद्धि दर कम रहती है।
झारखंड में सर्वाधिक मामले: आदिवासी बहुल राज्य में सामाजिक चिंता
झारखंड में 9 मामलों की संख्या सबसे अधिक होने से विशेष चिंता है। यह राज्य आदिवासी बहुल है, जहां स्त्री-पुरुष समानता को अपेक्षाकृत मजबूत माना जाता है। महिला एवं बाल अधिकार कार्यकर्ता मोनिका आर्या ने कहा, एनसीआरबी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। झारखंड में आदिवासी संस्कृति में महिलाओं को सम्मान दिया जाता है, लेकिन शहरीकरण और जातिगत संघर्षों ने पुरानी रूढ़ियों को जन्म दिया है। यदि रिपोर्टिंग सटीक है, तो यह गहरी सामाजिक समस्या का संकेत है। सरकार को जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता योगेंद्र यादव ने जोर देकर कहा, हर ऑनर किलिंग असहिष्णुता और पितृसत्ता का प्रतीक है। कानून में हत्या के प्रावधान पर्याप्त हैं, लेकिन इसे अलग अपराध मानकर कड़ी सजा का प्रावधान जरूरी है। केंद्र-राज्य सरकारें विशेष कानून बनाएं, ताकि ऐसे अपराध रुकें।
कानूनी सुधार और जागरूकता की आवश्यकता
सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऑनर किलिंग केवल हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक अन्याय का रूप है। पूर्व में तमिलनाडु और हरियाणा में ऐसे मामलों ने कानूनी बहस छेड़ी थी। एनसीआरबी रिपोर्ट से पता चलता है कि 2021 में 33 मामले थे, जो 2023 में 38 हो गए—एक चिंताजनक वृद्धि। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि स्कूल-कॉलेज स्तर पर लिंग समानता की शिक्षा, पुलिस प्रशिक्षण और फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएं। विपक्षी दल कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार की महिलाओं की सुरक्षा नीतियां विफल हो रही हैं। वहीं, सरकार ने दावा किया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे कार्यक्रमों से सुधार हो रहा है।
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