Sadhvi Pragya Thakur: भोपाल की पूर्व सांसद और भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर अपने विवादित बयानों से सुर्खियां बटोर ली हैं। रविवार को छोला इलाके में दुर्गा वाहिनी के पथ संचालन कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने गैर-हिंदुओं (विधर्मियों) को लेकर ऐसा बयान दिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। साध्वी ने कहा, मंदिर के आसपास प्रसाद बेचते हुए कोई विधर्मी मिले तो उसकी ठुकाई करो। विधर्मियों के हाथ की बनी कोई चीज नहीं खाना है। मंदिर के आसपास ऐसे लोग मिलें तो ठुकाई करो। न उनको बेचने देंगे, न आने देंगे। इस बयान ने न केवल धार्मिक संवेदनशीलता को छुआ, बल्कि हिंसा को बढ़ावा देने के आरोपों को भी जन्म दिया है।
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Sadhvi Pragya Thakur: दुर्गा वाहिनी को हथियारबंद दुर्गा बनाने का आह्वान
कार्यक्रम में साध्वी प्रज्ञा ने महिलाओं को दुर्गा वाहिनी के माध्यम से ‘हर घर में दुर्गा तैयार करने’ का संदेश दिया। उन्होंने हिंदू परिवारों से अपील की कि अपने घरों में विधर्मियों को प्रवेश न दें, चाहे वह लाइट फिटिंग, नल फिटिंग या सफाई का काम करने वाला ही क्यों न हो। साध्वी ने कहा, अपने घर में किसी भी विधर्मी को न आने दो। इसके अलावा, उन्होंने घरों में हथियार रखने और उन्हें धार तेज करने की सलाह दी। दुश्मन घर की दहलीज पार करे तो उसे बीच से काट दो, यह कहते हुए उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया। साध्वी ने कहा, जब हमारी बेटियों-बहनों को घरों से उठाकर उनके टुकड़े करके रोड पर बिखेर दिए जाते हैं, तो हमारे अंदर बहुत पीड़ा होती है। इस पीड़ा को बाहर निकालने के लिए दुश्मन को बीच में से काट देना चाहिए।
Sadhvi Pragya Thakur: ‘यह देश हमारा है, हमें इसे बचाना है’
साध्वी प्रज्ञा ने स्पष्ट किया कि यह सब नियम-कानून का पालन करते हुए होना चाहिए। उन्होंने दुर्गा वाहिनी के उद्देश्य को देश की रक्षा बताया और कहा, यह देश हमारा है, हमें इसे बचाना है। कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाएं मौजूद थीं, जो दुर्गा वाहिनी की वर्दी में स्लोगन दे रही थीं। यह संगठन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से जुड़ा है और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने का दावा करता है। साध्वी का यह बयान उनके पिछले विवादों—जैसे मालेगांव ब्लास्ट केस और पुलवामा हमले पर टिप्पणियों—की कड़ी में जुड़ गया है, जहां वे अक्सर धार्मिक राष्ट्रवाद को जोर-शोर से उठाती रही हैं।
Sadhvi Pragya Thakur: नेहरू और गांधी पर तीखा प्रहार, अंग्रेजों की चाटुकारिता
बयान के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों पर भी तंज कसे। महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को निशाने बनाते हुए उन्होंने कहा, वो कहते थे कि आजादी बिना खड़क, बिना ढाल के मिली। वो सिर्फ सत्ता के लालची थे। साध्वी ने नेहरू को वोटों में न जीता, न देश के मन को जीता बताते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने देश के लिए कोई सेवा नहीं की। ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया जो पेरिस में अपने कपड़े धुलवाने के लिए भेजता था। अंग्रेजों की चाटुकारिता करता था। अंग्रेजी महिलाओं के समक्ष नतमस्तक होता था। न चरित्र से अच्छा, न चाल से अच्छा और न नेतृत्व अच्छा, यह कहते हुए उन्होंने नेहरू की आलोचना की।
नेहरू की नीतियों की कारण हुए देश के टुकड़े
साध्वी ने दावा किया कि स्वतंत्रता के बाद नेहरू की नीतियों के कारण देश के कई टुकड़े हो गए। उनकी नीतियों से हम उस कगार पर पहुंचे जहां देश विभाजित हो गया। यह बयान भाजपा की लंबे समय से चली आ रही नेहरू-विरोधी कथा को दोहराता है, जो हिंदुत्व एजेंडे के साथ जुड़ा हुआ है। साध्वी ने गांधी को भी सत्ता की लालच का शिकार बताया, जो आजादी की लड़ाई को कमजोर करने का दोषी ठहराया।
विपक्ष का हमला, भाजपा की चुप्पी
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, यह बयान संविधान और सामाजिक सद्भाव के खिलाफ है। भाजपा नेता हिंसा भड़काने का काम कर रही हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे हेट स्पीच करार देते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की। समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा, साध्वी प्रज्ञा का यह बयान अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर फैलाने जैसा है। वहीं, भाजपा ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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