Chhattisgarh Cabinet: छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए कई मंत्रियों के जिला प्रभारों में व्यापक बदलाव किया है। इस बार तीन नए मंत्रियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। भाजपा सरकार के इस कदम को विकास कार्यों को गति देने और संवेदनशील जिलों पर विशेष नजर रखने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह फेरबदल पिछले 22 महीनों में सरकार की तीसरी बड़ी सर्जरी है, जो संगठनात्मक मजबूती और क्षेत्रीय संतुलन को दर्शाता है।
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Chhattisgarh Cabinet: उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को प्रमुख जिलों का प्रभार
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को अब राज्य के प्रमुख जिलों दुर्ग, बालोद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और बस्तर का प्रभार सौंपा गया है। उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव और भाजपा संगठन में मजबूत पकड़ को देखते हुए यह जिम्मेदारी दी गई है। दुर्ग जिला राज्य का औद्योगिक केंद्र है, जहां स्टील प्लांट और अन्य उद्योगों के विकास पर फोकस रहेगा। बालोद और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ग्रामीण विकास और कृषि पर निर्भर हैं, जबकि बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां प्रस्तुत करता है। विजय शर्मा की भूमिका इन जिलों में सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में अहम होगी।
Chhattisgarh Cabinet: श्याम बिहारी जायसवाल को बलौदा बाजार का दायित्व
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। यह जिला कृषि-प्रधान है और यहां चावल मिलिंग तथा सिंचाई परियोजनाओं का विशेष महत्व है। जायसवाल के नेतृत्व में जिले में किसान कल्याण योजनाओं को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। उनके अनुभव से उम्मीद है कि जिले की विकास दर में तेजी आएगी।
Chhattisgarh Cabinet: लक्ष्मी राजवाड़े को बलरामपुर-रामानुजगंज की कमान
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया है। यह उत्तर छत्तीसगढ़ का संवेदनशील जिला है, जहां आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण सामाजिक न्याय और विकास कार्यों पर विशेष ध्यान की जरूरत है। राजवाड़े, जो महिलाओं के मुद्दों पर सक्रिय रही हैं, यहां शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को प्राथमिकता देंगी। जिले में वन संसाधनों का संरक्षण और पर्यटन विकास भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
तीन नए मंत्रियों को महत्वपूर्ण जिले सौंपे
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद तीन नए मंत्रियों को जिला प्रभार देकर सरकार ने युवा चेहरों को मौका दिया है। शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव को राजनांदगांव जिले का प्रभार मिला है। यह जिला शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, जहां यादव स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे।मंत्री गुरु खुशवंत साहेब को सक्ती जिले की जिम्मेदारी दी गई है। सक्ती अपेक्षाकृत नया जिला है, जो जून 2024 में अस्तित्व में आया। यहां विकास कार्यों को गति देने और सरकारी योजनाओं को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने में साहेब की भूमिका निर्णायक होगी। जिले में सड़क, बिजली और जल संरक्षण पर फोकस रहेगा।
मंत्री राजेश अग्रवाल को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का प्रभारी बनाया गया है। यह नक्सल प्रभावित और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। अग्रवाल यहां स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास पर काम करेंगे। नक्सल उन्मूलन और स्थानीय रोजगार सृजन उनकी प्राथमिकताएं होंगी।
मंत्रिमंडल का विस्तार और भाजपा सरकार का सफर
छत्तीसगढ़ में पिछले 22 महीनों से भाजपा की सरकार सत्ता में है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कैबिनेट में शुरुआत में 10 मंत्री थे। हाल ही में तीन नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जिससे मंत्रिमंडल का आकार 13 हो गया। यह विस्तार ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। फेरबदल से पहले मंत्रियों के विभागीय प्रभार भी बदले गए थे, लेकिन जिला स्तर पर यह पहला बड़ा बदलाव है।
फेरबदल के प्रभाव और भविष्य की उम्मीदें
इस फेरबदल से राज्य के 28 जिलों में से कई पर नई नजर पड़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम विकास असंतुलन को दूर करने में मददगार साबित होगा। नक्सल प्रभावित जिलों जैसे बस्तर, बलरामपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही पर फोकस से सुरक्षा और विकास में संतुलन बनेगा। नए मंत्रियों को जिम्मेदारी देकर सरकार ने युवा नेतृत्व को बढ़ावा दिया है, जो आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, विपक्ष ने इसे ‘राजनीतिक भराई’ करार दिया है, लेकिन सरकार इसे प्रशासनिक सुधार बता रही है।
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