21.1 C
New Delhi
Wednesday, October 15, 2025
Homeउत्तर प्रदेशआतंकी नेटवर्क और विदेशी हथियार: संभल हिंसा की 450 पन्नों की रिपोर्ट...

आतंकी नेटवर्क और विदेशी हथियार: संभल हिंसा की 450 पन्नों की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य!

Sambhal violence: संभल में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी 450 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी। इस रिपोर्ट में न केवल पिछले साल की हिंसा का विवरण है, बल्कि संभल में ऐतिहासिक दंगों, डेमोग्राफिक बदलाव और आतंकी गतिविधियों का भी उल्लेख किया गया है। आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा ने की, जिसमें रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद और रिटायर्ड आईपीएस अरविंद कुमार जैन शामिल थे।

Sambhal Violence: हिंसा की पृष्ठभूमि और जांच का दायरा

24 नवंबर 2024 को संभल की शाही जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर किए गए सर्वे के दौरान हजारों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और 30 से अधिक पुलिसकर्मी, जिसमें तत्कालीन सीओ अनुज चौधरी भी शामिल थे, घायल हो गए। हिंसा में गाड़ियों को आग लगा दी गई और अवैध हथियारों का इस्तेमाल हुआ। आयोग ने जांच में पाया कि यह हिंसा पूर्वनियोजित थी, जिसमें बाहरी लोगों की भागीदारी और भड़काऊ भाषणों की भूमिका थी। आयोग ने हिंसा के कारणों, प्रशासनिक चूक, खुफिया तंत्र की नाकामी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव दिए हैं।

डेमोग्राफी बदलाव और पलायन का मुद्दा

रिपोर्ट में संभल में हिंदू आबादी में भारी कमी का उल्लेख है। 1947 में संभल नगर पालिका क्षेत्र में 45% हिंदू आबादी थी, जो अब घटकर 15-20% रह गई है। बार-बार हुए दंगों और तुष्टिकरण की राजनीति को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। 1947 से 2019 तक संभल में 15 बड़े दंगे दर्ज किए गए, जिनमें हिंदू समुदाय सर्वाधिक प्रभावित हुआ। भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, “संभल में बार-बार दंगों के कारण बड़े पैमाने पर पलायन हुआ। धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया, लोगों की हत्या हुई और महिलाओं पर अत्याचार किए गए। सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर कठोर कदम उठाएगी ताकि शांति और सौहार्द सुनिश्चित हो।”

आतंकी नेटवर्क और विदेशी हथियारों का खुलासा

रिपोर्ट में संभल को आतंकी संगठनों का अड्डा बताया गया है, जहां अलकायदा और हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे संगठन सक्रिय रहे हैं। हिंसा में अमेरिका में बने हथियारों के इस्तेमाल के साक्ष्य मिले हैं। इसके अलावा, जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर के साक्ष्य और बाबर काल के दमन के प्रमाण भी सामने आए हैं। स्थानीय सभासद गगन वार्ष्णेय ने कहा, “हिंदू अब अल्पसंख्यक हैं। हमने आयोग से मांग की है कि संभल के हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा और सुविधाएं दी जाएं।”

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और भविष्य की कार्रवाई

समाजवादी पार्टी ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए, इसे एकतरफा बताते हुए जांच की निष्पक्षता पर संदेह जताया। वहीं, मौलाना साजिद रशीदी ने दावा किया कि यह रिपोर्ट तनाव को और बढ़ा सकती है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने कहा, “रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। यह पहले कैबिनेट और फिर विधानसभा में पेश की जाएगी।” सांसद दिनेश शर्मा ने अमेरिकी टैरिफ नीति पर भी टिप्पणी की, कहा कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और इस चुनौती से निपटने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशे गए हैं।

शांति के लिए कठोर कदम

संभल हिंसा की जांच रिपोर्ट ने क्षेत्र के डेमोग्राफिक बदलाव, आतंकी गतिविधियों और प्रशासनिक कमियों को उजागर किया है। योगी सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। स्थानीय लोगों ने हिंदू समुदाय की सुरक्षा और पलायन रोकने की मांग की है। यह रिपोर्ट न केवल संभल की स्थिति को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीतियों की जरूरत पर बल देती है।

यह भी पढ़ें:-

Bandipora Encounter: LoC के पास गुरेज सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, दो आतंकी ढेर

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
haze
21.1 ° C
21.1 °
21.1 °
73 %
0kmh
0 %
Tue
26 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
33 °
Sat
33 °

Most Popular