22.1 C
New Delhi
Thursday, December 4, 2025
HomeबिजनेसEPFO का नया नियम: अब बिना फेस ऑथेंटिकेशन नहीं बनेगा UAN, भर्ती...

EPFO का नया नियम: अब बिना फेस ऑथेंटिकेशन नहीं बनेगा UAN, भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक

EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर बनाने के तरीके में बदलाव किया है। अब सिर्फ UMANG ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया है। 1 अगस्त से नया नियम लागू हो गया है।

EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 अगस्त 2025 से यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) बनाने और सक्रिय करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब नया UAN केवल UMANG ऐप के जरिए फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) से ही जारी होगा। यह नियम सभी नए कर्मचारियों पर लागू होगा, जिससे डिजिटल वेरिफिकेशन पूरी तरह बायोमेट्रिक आधारित हो गया है।

EPFO: भर्ती प्रक्रिया पर त्वरित असर

इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) का कहना है कि इस बदलाव का असर तुरंत देखने को मिला। सिर्फ दो दिनों में ही 1,000 से ज्यादा उम्मीदवारों का ऑनबोर्डिंग रुक गया। इसका सीधा असर पेरोल प्रोसेसिंग, PF अंशदान और अन्य अनुपालन समयसीमा पर पड़ा। कई कंपनियों के लिए यह नई प्रक्रिया अप्रत्याशित अड़चन बन गई है।

EPFO: स्टाफिंग कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती

स्टाफिंग इंडस्ट्री में अस्थायी कर्मचारियों की संख्या अधिक होती है और यहां ज्वाइनिंग और एग्जिट का सिलसिला लगातार चलता रहता है। FAT प्रक्रिया में हर कर्मचारी को खुद UMANG ऐप पर फेस स्कैन करना होता है। लेकिन कई कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन नहीं है, भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, या फिर कैमरे की गुणवत्ता खराब है। ऐसे में फेस ऑथेंटिकेशन फेल हो जाता है और UAN बनाने में देरी होती है। यह देरी खासकर MSME और हाई-टर्नओवर सेक्टर्स में वेतन भुगतान और PF योगदान को प्रभावित कर रही है।

तकनीकी दिक्कतें भी बढ़ा रही परेशानी

नए सिस्टम में कई कंपनियों और कर्मचारियों को ये समस्याएं आ रही हैं:

  • फेस रिकग्निशन फेल होना
  • सर्वर डाउन रहना
  • नेटवर्क की स्पीड कम होना
  • बायोमेट्रिक डेटा में अंतर
    इसके अलावा, कई कर्मचारियों का आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है, जिससे OTP वेरिफिकेशन भी संभव नहीं हो पाता।

अनुपालन समयसीमा का दबाव

EPFO ने आधार लिंकिंग और FAT प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 जून 2025 की अंतिम तिथि तय की है। हजारों कर्मचारियों का डेटा मैनेज करने वाली कंपनियों के लिए यह डेडलाइन चुनौतीपूर्ण है। समय पर अनुपालन न होने पर

  • पेनल्टी लग सकती है,
  • PF योगदान रोका जा सकता है,
  • और कर्मचारी-नियोक्ता दोनों प्रभावित होंगे

ISF ने सुझाए व्यावहारिक समाधान

EPFO के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:

  • पहली बार नौकरी करने वालों के लिए नियोक्ताओं को अपने पोर्टल से UAN बनाने की अनुमति दी जाए।
  • डिजिटल ऑनबोर्डिंग अवेयरनेस के लिए छह महीने की छूट मिले, ताकि कंपनियां कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर सकें।
  • पहले की तरह बिना तत्काल FAT या आधार सीडिंग के बल्क UAN बनाने की सुविधा वापस दी जाए।
  • FAT से जुड़ी तकनीकी समस्याओं के लिए डेडिकेटेड सपोर्ट उपलब्ध कराया जाए।
  • उच्च टर्नओवर वाली इंडस्ट्रीज़ और स्टाफिंग कंपनियों के लिए सरल अनुपालन प्रक्रिया या आंशिक छूट दी जाए।

क्यों जरूरी है बदलाव का संतुलन

EPFO का मकसद है कि PF खातों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और धोखाधड़ी-रोधी बनाया जाए। लेकिन, इंडस्ट्री का कहना है कि तकनीकी मजबूती और ज़मीनी चुनौतियों के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। अगर समाधान जल्दी नहीं मिले, तो यह नियम भर्ती की रफ्तार और श्रमिकों के वित्तीय लाभ दोनों को प्रभावित कर सकता है।

यह भी पढ़ें:-

ICICI के नए नियम से बढ़ेगी ग्राहकों की जेब पर मार, जानें पूरा मामला

RELATED ARTICLES
New Delhi
haze
22.1 ° C
22.1 °
22.1 °
33 %
4.1kmh
2 %
Thu
22 °
Fri
24 °
Sat
25 °
Sun
26 °
Mon
27 °

Most Popular