22.1 C
New Delhi
Tuesday, October 21, 2025
Homeउत्तर प्रदेशस्याना हिंसा मामला: इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में 5 दोषियों को...

स्याना हिंसा मामला: इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में 5 दोषियों को उम्रकैद, 33 को 7 साल की सजा

Syana Violence Case: बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में अपर सत्र न्यायालय-12 (एडीजे-12) के जस्टिस गोपाल की कोर्ट ने 38 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान किया है।

Syana Violence Case: बुलंदशहर के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में सात साल बाद न्यायालय का अहम फैसला सामने आया है। अपर सत्र न्यायालय-12 (ADJ-12) के जस्टिस गोपाल की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में 38 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अदालत ने 5 आरोपियों को हत्या (धारा 302) के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि 33 अन्य दोषियों को बलवा, आगजनी और जानलेवा हमले के आरोपों में सात साल की सजा दी गई है। यह मामला 3 दिसंबर 2018 का है। स्याना के चिंगरावठी गांव में गोवंश अवशेष मिलने की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसमें आक्रोशित भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया।

Syana Violence Case: मृतक इंस्पेक्टर की पत्नी को मुआवजा

विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने बताया कि कोर्ट ने मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। वहीं, दोषियों पर जुर्माने के साथ-साथ 25 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।

Syana Violence Case: कैसे हुई थी स्याना हिंसा?

यह मामला 3 दिसंबर 2018 का है, जब बुलंदशहर के स्याना तहसील के चिंगरावठी गांव में गोकशी के अवशेष मिलने की अफवाह फैली। इससे इलाके में तनाव फैल गया और गुस्साई भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को घेर लिया और आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में तत्कालीन स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य युवक सुमित कुमार भी भीड़ की चपेट में आकर मारा गया था।

घटना के बाद प्रदेशभर में उबाल देखने को मिला। सरकार की ओर से तत्कालीन हालात को संभालने के लिए उच्चस्तरीय जांच बैठाई गई और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी केस की सुनवाई पिछले सात वर्षों से चल रही थी।

Syana Violence Case: कोर्ट का फैसला और सजा का ब्योरा

अदालत ने 38 में से 5 आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन पांच दोषियों को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का दोषी पाया गया। वहीं, बाकी 33 दोषियों को धारा 307 (जानलेवा हमला), 436 (आगजनी), 332 और 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला) के तहत सात साल की सजा सुनाई गई।

बचाव पक्ष के वकील अशोक डागर ने मीडिया को बताया, हम कोर्ट के आदेश की समीक्षा कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती देंगे।

Syana Violence Case: अभियोजन पक्ष ने जताई नाराजगी

वहीं, इस फैसले से अभियोजन पक्ष संतुष्ट नहीं है। विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने बताया, “हम पांच को उम्रकैद की सजा से संतुष्ट नहीं हैं। हमारा मानना है कि कई और लोग हत्या में शामिल थे। हम इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।”

पीड़ित परिवार के लिए राहत

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई थी। अदालत ने उनके परिवार को मुआवजा देने का आदेश देकर आंशिक राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि न्याय की यह प्रक्रिया भले ही लंबी चली, लेकिन सत्य की जीत हुई।

स्याना हिंसा मामला उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और धार्मिक उन्माद से जुड़ा एक बड़ा मामला था। सात साल बाद आया यह फैसला इंसाफ की एक दिशा जरूर तय करता है, लेकिन इसमें और भी गहराई से जांच और कानूनी प्रक्रिया की जरूरत महसूस की जा रही है, खासकर जब पीड़ित पक्ष अभी भी अपील की तैयारी में है।

यह भी पढ़ें:-

मालेगांव विस्फोट मामला: मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया, बरी होने के बाद रो पड़ीं साध्वी प्रज्ञा

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
fog
22.1 ° C
22.1 °
22.1 °
88 %
1kmh
0 %
Tue
33 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
33 °
Sat
32 °

Most Popular