Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए इसे राष्ट्र का विजयोत्सव करार दिया। उन्होंने डिफेंस, इकोनॉमी और नक्सलवाद पर केंद्रित अपने संबोधन में कहा कि भारत तेजी से वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और यह सत्र देश की उपलब्धियों का उत्सव है।
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Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की सेना ने 100% लक्ष्य प्राप्त कर दिखाया। आतंकी आकाओं के घर जाकर 22 मिनट में उनके ठिकानों को जमींदोज किया गया, जिससे दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति और मेड इन इंडिया रक्षा क्षमता का नया रूप देखने को मिला। पीएम मोदी ने कहा, इस ऑपरेशन ने सिद्ध कर दिया कि भारत की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा और हमारी आत्मनिर्भरता ने वैश्विक आकर्षण बढ़ाया है।
Monsoon Session: अंतरिक्ष में तिरंगे की गूंज, विज्ञान में नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मानसून सत्र गौरव और उमंग का सत्र है क्योंकि पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का तिरंगा लहराया है। उन्होंने इसे विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भारत की मजबूती का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, यह घटना हर भारतीय में नया उमंग और आत्मविश्वास भर रही है। पीएम ने विश्वास जताया कि पूरे संसद और देश में एक स्वर से इस गौरव का अनुभव साझा होगा और यह सत्र ऐतिहासिक बनेगा।
Monsoon Session: नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार
पीएम मोदी ने नक्सलवाद और माओवाद पर सरकार की सख्त नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका प्रभाव तेजी से खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जिन क्षेत्रों को ‘रेड कॉरिडोर’ के नाम से जाना जाता था, वे अब ‘ग्रीन ग्रोथ जोन’ में बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बम, बंदूक और पिस्तौल के सामने भारत का संविधान विजयी हो रहा है। उन्होंने बताया कि सैकड़ों जिले आज नक्सलवाद से मुक्ति की सांस ले रहे हैं और भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है।
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर भारत
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर बात करते हुए बताया कि 2014 से पहले भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें स्थान पर था, लेकिन आज यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इसे देश की मेहनत, जनता के परिश्रम और सरकार की नीतियों का परिणाम बताया।
यह सत्र सिर्फ कानून निर्माण नहीं, बल्कि प्रगति का उत्सव
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र केवल कानून बनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह देश की उपलब्धियों और गौरव को दुनिया के सामने रखने का समय है। उन्होंने कहा, हमारा यह मानसून सत्र राष्ट्र के लिए विजयोत्सव का रूप है और हम इसे नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने सांसदों और जनता से इस सत्र को सकारात्मक दृष्टि से देखने और राष्ट्रहित में सहयोग की अपील की, ताकि देश के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में और मजबूत कदम बढ़ाए जा सकें।
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