27.1 C
New Delhi
Tuesday, October 14, 2025
Homeदेशपश्चिम बंगाल हिंसा केस में ऐतिहासिक सजा, 9 साल की बच्ची से...

पश्चिम बंगाल हिंसा केस में ऐतिहासिक सजा, 9 साल की बच्ची से रेप पर उम्रकैद

POCSO Court: सीबीआई की जांच में सामने आया कि आरोपी रफीकुल इस्लाम ने 4 जून 2021 की शाम को अपने आम के बागान में खेल रही 9 वर्षीय नाबालिग बच्ची को पैसों का लालच देकर अपने पास बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया।

POCSO Court: पश्चिम बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े मामलों में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मालदा जिले की द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) ने रफीकुल इस्लाम उर्फ भेलू को 12 साल से कम उम्र की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

POCSO Court: पोस्ट-पोल हिंसा के दौरान हुआ था जघन्य अपराध

यह मामला पश्चिम बंगाल पोस्ट-पोल हिंसा मामलों की जांच के दौरान सामने आया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 अगस्त 2021 के आदेश में इन मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामला मूल रूप से थाना मानिकचक, मालदा में दर्ज एफआईआर संख्या 201/2021 से जुड़ा है, जो 5 जून 2021 को दर्ज की गई थी। सीबीआई की जांच में सामने आया कि 4 जून 2021 को आरोपी रफीकुल इस्लाम ने अपने आम के बागान में खेल रही लगभग 9 वर्षीय बच्ची को पैसों का लालच देकर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था।

POCSO Court: 10 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी बहन ने दर्ज कराई सशक्त गवाही

इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि पीड़िता की 10 वर्षीय चचेरी बहन, जो स्वयं भी नाबालिग है, उसने पूरे घटनाक्रम को अपनी आंखों से देखा और बाद में कोर्ट में साहसपूर्वक बयान दर्ज कराया। दोनों बच्चियों की गवाही ने इस मामले में निर्णायक भूमिका निभाई। कोर्ट ने उनके बयानों को मजबूत सबूत मानते हुए 2 जुलाई 2025 को आरोपी को दोषी करार दिया, जिसके बाद शुक्रवार को सजा सुनाई गई।

POCSO Court: पीड़िता को 3 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वह पीड़िता को ‘पीड़ित मुआवजा कोष’ से 3 लाख रुपये की राशि प्रदान करे, ताकि पीड़िता के पुनर्वास में मदद मिल सके। यह निर्णय न केवल पीड़िता के लिए न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश है कि ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया गंभीरता से आगे बढ़ रही है।

पोस्ट-पोल हिंसा के मामलों में पहली बार सुनाई गई उम्रकैद

यह पहला पोस्ट-पोल हिंसा से संबंधित मामला है जिसमें आरोपी को दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला न्यायपालिका की संवेदनशीलता और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकल्प को दर्शाता है।

कानून के प्रति बढ़ा भरोसा

चुनावोत्तर हिंसा के मामलों में कई आरोपियों पर राजनीतिक दबाव और कानूनी प्रक्रिया में देरी के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस मामले में सीबीआई ने सटीक जांच कर अदालत में ठोस सबूत प्रस्तुत किए। इससे यह संकेत भी गया है कि कानून अपना काम कर रहा है और ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

सख्त संदेश समाज के लिए

इस सजा के बाद सामाजिक और राजनीतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि चुनाव के बाद होने वाली हिंसा की आड़ में होने वाले अपराधों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। साथ ही, यह फैसला पीड़ितों को न्याय की उम्मीद भी देता है और ऐसे मामलों में गवाही देने वालों का हौसला भी बढ़ाता है।

यह निर्णय पश्चिम बंगाल में चुनावोत्तर हिंसा और दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर न्यायपालिका की सख्त नजर और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण बन गया है। इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद के साथ-साथ समाज में अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश गया है कि कानून से बच पाना संभव नहीं है।

यह भी पढ़ें:-

नीतीश कुमार होंगे NDA का चेहरा, जीतन राम मांझी ने किया स्पष्ट: ‘मुख्यमंत्री पद की इच्छा नहीं’

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
haze
27.1 ° C
27.1 °
27.1 °
47 %
2.1kmh
0 %
Tue
29 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
34 °
Sat
33 °

Most Popular