SCO Summit: भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के किंगदाओ शहर पहुंचे। उन्होंने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत की, जिसमें लगभग छह वर्षों के प्रतिबंधों के बाद कैलाश-मंसरोवर तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करने पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की। रक्षा मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने पर खुशी जताई।
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SCO Summit: छह साल बाद कैलाश-मंसरोवर यात्रा की पुन
राजनाथ सिंह ने अपनी आधिकारिक ट्विटर (एक्स) पोस्ट में लिखा, किंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान एडमिरल डॉन जून के साथ रचनात्मक विचार-विमर्श हुआ। हमने लगभग छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश-मंसरोवर यात्रा की पुनः शुरुआत पर खुशी व्यक्त की।
SCO Summit: रूस और बेलारूस के साथ रक्षा सहयोग पर मंथन
किंगदाओ में ही राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव तथा बेलारूस के लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन से भी मुलाकात की। तीनों बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, आतंकवाद रोधी साझा रणनीतियों और दीर्घकालिक रक्षा सहयोग पर विस्तार से चर्चा हुई।
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो
राजनाथ सिंह ने रूसी समकक्ष से कहा कि भारत-रूस रक्षा संबंध आईआरआईजीसी-एम एवं MTC तंत्र के माध्यम से और भी मजबूती पा रहे हैं। बेलारूस के रक्षा मंत्री के साथ बातचीत के बाद उन्होंने ट्वीट किया, लेफ्टिनेंट जनरल ख्रेनिन के साथ हमारी चर्चा बहुत सकारात्मक और आगे के सहयोग के अवसरों से परिपूर्ण रही।
SCO मंच पर आतंकवाद और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र
SCO सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री सिंह ने 22 अप्रैल को जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले का विस्फोटक विवरण दिया, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोग मारे गए थे। उन्होंने बताया कि भारत ने इस हमले के बाद सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए “ऑपरेशन सिंदूर” नामक आत्मरक्षा अभियान चलाया। अपने संबोधन में सिंह ने सभी SCO देशों से दोहरे मानदंड अपनाने के बजाय आतंकवाद रोधी ठहराव और मददगारों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।
संयुक्त घोषणापत्र पर भारत ने जताई आपत्ति
सम्मेलन में जारी किए जाने वाले संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद से संबंधित प्रावधानों का स्थान न होने पर भारत ने इसका समर्थन करने से इनकार कर दिया। रक्षामंत्री सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस प्रतिबद्धता ही SCO की प्रासंगिकता को बनाकर रख सकती है और बिना उसमें आतंकी संरचनाओं पर चर्चा किए कोई साझा मसौदा स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कैलाश-मंसरोवर यात्रा पुनः शुरू: क्या होगा अगला कदम?
सिंह और एडमिरल डॉन जून के बीच हुई सहमति से 2025 के मानसून के बाद ही सीमापार तीर्थयात्रा फिर से शुरू होने की राह साफ हुई है। दोनों देश अगले कुछ हफ्तों में आयोजन तिथि, परमिट प्रक्रिया और सीमा सुरक्षा उपायों का तकनीकी समझौता अंतिम रूप देंगे। इससे हिमालय में पारंपरिक धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी नई गति मिलेगी।
राजनाथ सिंह की किंगदाओ यात्रा और SCO में सक्रिय भागीदारी ने न सिर्फ भारत-चीन बीच जमे ठंडे रिश्तों में सुधार के संकेत दिए हैं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा, रक्षा सहयोग और धार्मिक कनेक्टिविटी के नए द्वार भी खोले हैं। आतंकवाद रोधी सहमति पर भारत ने पूर्ण स्पष्टता बरती और संयुक्त घोषणापत्र में कमजोरी को खारिज करते हुए अपने सुरक्षा-नागरिक संवाद को सुदृढ़ किया है।
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