Good News: बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2024 से गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। किसानों को इस बार उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा, क्योंकि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह पिछले साल की तुलना में 150 रुपये अधिक है। सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने गुरुवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार किसानों से गेहूं खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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Good News: किसानों को मिलेगा बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य
इस साल सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा। सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि अब तक 24,324 किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए निबंधन कराया है और यह संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।
उन्होंने बताया कि फसल खरीद की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, ताकि किसानों को पारदर्शी और सुगम तरीके से लाभ मिल सके। किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीदारी के बाद 48 घंटे के भीतर भुगतान कर दिया जाए।
Good News: धान खरीद में मिली बड़ी सफलता
सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य में इस साल 45 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 87% खरीद पूरी हो चुकी है। पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) के माध्यम से अब तक 39.23 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कृषि उत्पादों की खरीद में पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
Good News: भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर जोर
राज्य में अनाज भंडारण की समस्या को देखते हुए सरकार तेजी से गोदाम निर्माण पर काम कर रही है। प्रेम कुमार ने बताया कि अब तक राज्य की सहकारी समितियों में 7,056 गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिससे 15.67 लाख टन भंडारण क्षमता तैयार की गई है।
इसके अलावा, 2023-24 में 169 करोड़ रुपये की लागत से 325 गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वहीं, 2024-25 में 147 करोड़ रुपये की लागत से 259 और गोदामों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे 2.5 लाख टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता विकसित होगी।
Good News: सब्जी उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार सिर्फ गेहूं और धान तक ही सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि सब्जी उत्पादन को भी बढ़ावा देने की योजना बना रही है। मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि राज्य के 38 जिलों के 534 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। ये समितियां किसानों को सीधे बाजार से जोड़ेंगी और उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने में मदद करेंगी।
इसके अलावा, सुधा डेयरी की तर्ज पर राज्य में ‘तरकारी’ (सब्जी) आउटलेट खोले जाएंगे, जिससे किसानों को उनकी सब्जियों का उचित मूल्य मिल सकेगा और उपभोक्ताओं को ताजी और सस्ती सब्जियां उपलब्ध हो सकेंगी। वैजफेड और कॉम्फेड के सहयोग से इन आउटलेट्स को विकसित किया जाएगा।
प्याज के भंडारण के लिए खास योजना
बिहार सरकार ने राज्य में प्याज उत्पादन को बढ़ावा देने और इसके सही भंडारण के लिए भी एक खास योजना बनाई है। ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाले प्रखंडों की पहचान कर वहां गोदाम बनाए जाएंगे, ताकि किसानों को अपनी फसल खराब होने का डर न रहे। मंत्री ने कहा कि प्याज और अन्य सब्जियों के सही भंडारण और बिक्री के लिए जिला स्तर पर ‘हब’ बनाए जाएंगे। इससे किसानों की उपज को बेहतर कीमत मिलेगी और राज्य से बाहर निर्यात की प्रक्रिया भी आसान होगी।
कृषि क्षेत्र में सुधारों की ओर एक बड़ा कदम
बिहार सरकार लगातार किसानों के हित में नई योजनाएं ला रही है। सरकार का लक्ष्य है कि किसान अपनी उपज को बेचने के लिए मजबूर न हों, बल्कि उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य मिले। इस बार गेहूं की खरीद प्रक्रिया के दौरान सरकार किसानों के साथ सीधा संपर्क बनाएगी और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
किसानों के लिए यह हैं फायदे:
– गेहूं का बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य – 2,425 रुपये प्रति क्विंटल
– निबंधन की सुविधा – ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आसान प्रक्रिया
– धान खरीद में तेजी – अब तक 87% लक्ष्य हासिल
– भंडारण क्षमता में इजाफा – नए गोदामों का निर्माण जारी
– सब्जी उत्पादन को बढ़ावा – ‘तरकारी’ आउटलेट और हब का निर्माण
सरकार का किसानों से आग्रह
सहकारिता मंत्री ने सभी किसानों से अपील की कि वे जल्द से जल्द अपने गेहूं की बिक्री के लिए निबंधन कराएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद के लिए तैयार है।
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