Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने आस्था और भव्यता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। 66 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इतिहास रच दिया, जो विश्व की कुछ सबसे बड़ी आबादी वाले देशों से भी अधिक है। महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ इस दिव्य आयोजन का समापन हुआ। इस दौरान 10,000 लोगों द्वारा बनाई गई पेंटिंग को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला। हालाँकि, संगम और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ जैसी घटनाओं ने आयोजन पर सवाल भी खड़े किए। 100+ देशों के श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लिया, जिससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिला। सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यवस्थाओं को अपार सराहना मिली। जानिए इस ऐतिहासिक महाकुंभ के प्रमुख रिकॉर्ड और चर्चित पहलू!

Mahakumbh 2025: 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने बनाया नया इतिहास
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही। अंतिम 12 दिनों में प्रतिदिन 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
महाशिवरात्रि पर हुआ महाकुंभ का समापन
26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ ही महाकुंभ 2025 का औपचारिक समापन हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं की आस्था, अध्यात्म और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
मौनी अमावस्या पर भगदड़, 30 श्रद्धालुओं की मौत
श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ के कारण मौनी अमावस्या पर संगम तट पर भगदड़ मच गई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसी तरह, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी भगदड़ में 15 यात्रियों की मौत हुई, जिसने महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए।
Mahakumbh 2025: दुनियाभर से उमड़ा जनसैलाब
महाकुंभ ने भारत के आध्यात्मिक वैभव को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। 100 से अधिक देशों से श्रद्धालु और पर्यटक प्रयागराज पहुंचे, जिससे भारत की सनातन संस्कृति की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी।
राजनीति, फिल्म और खेल जगत की हस्तियों ने लिया हिस्सा
महाकुंभ में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और गवर्नर सहित उद्योग, फिल्म और खेल जगत की तमाम हस्तियों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
Mahakumbh 2025: गिनीज बुक में दर्ज हुई अनूठी पेंटिंग
महाकुंभ 2025 में 10,000 लोगों की हथेलियों की छाप से बनाई गई एक विशेष पेंटिंग को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली, जो इस आयोजन का एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गया।
शटल बस योजना स्थगित, भारी भीड़ के कारण बदलाव
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन को शटल बसों की योजना स्थगित करनी पड़ी। पहले एक ही सड़क पर सैकड़ों बसें चलाने की योजना थी, लेकिन भीड़ के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।
गंगा जल की स्वच्छता पर उठा विवाद
गंगा जल की शुद्धता को लेकर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्टों में विरोधाभास देखा गया। हालांकि, श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई और वे बेझिझक त्रिवेणी संगम में स्नान करते रहे।
Mahakumbh 2025: यूपी की अर्थव्यवस्था को मिला बढ़ावा
महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। हजारों लोगों को रोजगार मिला और अरबों रुपए का कारोबार हुआ, जिससे राज्य की जीडीपी में सुधार देखा गया।
स्वच्छता और अग्निशमन विभाग ने दिखाया बेहतरीन प्रबंधन
फायर डिपार्टमेंट ने तत्परता दिखाते हुए मेला क्षेत्र में लगी करीब 100 आग की घटनाओं को समय पर नियंत्रित किया, जिससे किसी भी श्रद्धालु को नुकसान नहीं हुआ।

Mahakumbh 2025: सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता का संदेश
महाकुंभ ने भारत की सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश दिया। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं में न जाति का भेद था, न भाषा या क्षेत्र का अंतर। पूरा भारत एकता के सूत्र में बंधा नजर आया।
यातायात और ट्रेनों में भारी दबाव
महाकुंभ के चलते प्रयागराज और उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में यातायात प्रभावित हुआ। ट्रेनों में भारी भीड़ देखी गई और सीट पाने के लिए यात्रियों में होड़ मची रही।
सीएम योगी आदित्यनाथ को मिला बड़ा समर्थन
महाकुंभ की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर सराहना की। 90% से अधिक श्रद्धालुओं ने कहा कि यह भव्य और दिव्य आयोजन सिर्फ और सिर्फ योगी सरकार की वजह से संभव हुआ।

महाकुंभ 2025 आस्था, आध्यात्म और भव्यता का ऐसा संगम बना, जिसने कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए और सनातन संस्कृति को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई।
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