RBI Pre-payment Penalty: आरबीआई का बड़ा फैसला- लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी खत्म!
अगर आपने लोन लिया है और उसे समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत देने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अब फ्लोटिंग रेट लोन पर प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज नहीं वसूल सकेंगे।
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किन्हें मिलेगा इस फैसले का फायदा?
आरबीआई के इस नए नियम से निम्नलिखित लोग लाभान्वित होंगे:
व्यक्तिगत कर्जदार – पर्सनल लोन, होम लोन आदि लेने वाले लोग।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (MSEs) – छोटे बिजनेस और स्टार्टअप्स को फायदा।
मझोले उद्यम (Medium Enterprises) – जिनका लोन ₹7.50 करोड़ तक है।
आरबीआई ने यह फैसला क्यों लिया?
आरबीआई को पता चला कि कई बैंक और वित्तीय संस्थान कर्ज समझौतों में ऐसे प्रावधान जोड़ देते हैं, जिससे ग्राहक अपने लोन को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर नहीं कर सकते या सस्ता कर्ज लेने का लाभ नहीं उठा सकते। इसी को रोकने के लिए, आरबीआई ने प्री-पेमेंट और फोरक्लोजर चार्ज पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव दिया है।
आरबीआई के प्रस्ताव की मुख्य बातें
समय से पहले लोन चुकाने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
ग्राहकों को सस्ता लोन लेने के लिए बैंक बदलने की आजादी मिलेगी।
लोन ट्रांसफर करने पर कोई छुपा हुआ चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
बैंकों को बिना किसी लॉक-इन पीरियड के लोन क्लोज करने की अनुमति देनी होगी।
स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे गए
आरबीआई ने इस विषय पर ड्राफ्ट पेपर जारी किया है और 21 मार्च 2025 तक सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे हैं। इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा और इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
इस फैसले से आपको क्या फायदा होगा?
- यदि आप लोन को समय से पहले चुकाते हैं, तो अतिरिक्त शुल्क से बच सकते हैं।
- आप कम ब्याज दर वाले बैंक में लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
- कर्जदारों के लिए अधिक पारदर्शिता और स्वतंत्रता मिलेगी।
नए नियम से क्या बदलेगा?
इस फैसले के लागू होने से बैंक ग्राहकों को महंगे ब्याज दर पर बांधकर नहीं रख पाएंगे और ग्राहकों को बेहतर वित्तीय योजनाएं अपनाने की आजादी मिलेगी। इससे ब्याज दरों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ग्राहकों को अधिक फायदे मिलेंगे।
आरबीआई का यह फैसला लोन लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए बड़ी राहत है। अब प्री-पेमेंट पेनल्टी की चिंता किए बिना लोग अपने कर्ज को जल्दी चुका सकेंगे और अधिक सुविधाजनक बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह कदम बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और ग्राहक हितों की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
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