Kulgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सोमवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह हमला कुलगाम के बेहीबाग गांव में हुआ, जहां आतंकवादियों ने वागे और उनके परिवार को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ फायरिंग की। कुलगाम का यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े करता है। हालांकि, सुरक्षा बलों की तत्परता और त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि आतंकवादियों के मंसूबे सफल नहीं होने दिए जाएंगे। ऐसे हमले यह भी दिखाते हैं कि आतंकवादी अब किसी भी हद तक जाकर अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षा बलों और सरकार को मिलकर इस खतरे का सामना करना होगा ताकि घाटी में शांति और स्थिरता बनी रहे।
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आतंकियों ने अचानक कर दी गोलियों की बौछार
अधिकारियों के अनुसार, आतंकी हमले के दौरान मंजूर अहमद वागे, उनकी पत्नी और बेटी पर अचानक गोलियों की बौछार कर दी गई। गोलीबारी के बाद आतंकवादी घने जंगलों की ओर फरार हो गए। स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और तीनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, अस्पताल में डॉक्टरों ने मंजूर अहमद वागे को मृत घोषित कर दिया। उनकी पत्नी और बेटी का इलाज फिलहाल जारी है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
इलाके में हाई अलर्ट, तलाशी अभियान जारी
हमले की सूचना मिलते ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है ताकि हमलावरों को पकड़ा जा सके। सुरक्षा बलों ने संभावित ठिकानों पर तलाशी तेज कर दी है और इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
सीएम उमर उब्दुल्ला ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि, कुलगाम में पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे साहब की दुखद हत्या से बहुत दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं, और उनकी घायल पत्नी और बेटी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस तरह की जघन्य हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। शांति और न्याय की जीत हो।
सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की एक साजिश
इस हमले से एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आतंकवादी अब निर्दोष नागरिकों और पूर्व सैनिकों को भी निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की एक साजिश हो सकती है। इससे पहले भी आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में ऐसे हमलों को अंजाम दे चुके हैं जिनमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया था।
पुलिस ने सेना के लापता जवान को ढूंढ निकाला
इस हमले से एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक लापता सेना के जवान आबिद हुसैन भट को ढूंढ निकाला था। वह अनंतनाग जिले के चत्तेर्गुल गांव का रहने वाला है और रंग्रेथ श्रीनगर में तैनात था। आबिद हुसैन भट एक महीने की छुट्टी के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहा था जब वह लापता हो गया था। पुलिस ने उसे रविवार को ढूंढ निकाला और उससे पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में आतंकवाद का कोई पहलू सामने नहीं आया है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
कुलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने हमले में मारे गए पूर्व सैनिक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए।
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